हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से शर्मसार कर देने वाली खबर आई है. कुल्लू जिले के फोजल घाटी के एक गांव में दलित महिला के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान गृह का कथित तौर पर इस्तेमाल नहीं करने दिया गया. आखिरकार, मृतक महिला के परिवार को जंगल में अंतिम संस्कार के लिए मजबूर होना पड़ा. धारा गांव की निवासी करीब 100 साल की एक महिला का लंबी बीमारी के बाद 11 अप्रैल को निधन हो गया था. ऐसे में साफ है कि उस महिला ने छूआछूत खत्म करने के लिए एक सदी गुजार दी, लेकिन मरने के बाद भी उसे श्मशान तक में जगह नहीं मिली.
अब सोमवार को आई खबर के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया है.
ऊंची जाति के लोगों का दबाव: मृतक का परिवार
महिला के पोते टेप राम ने आरोप लगाया कि गांव के श्मशान गृह पर शव लेकर पहुंचने के बाद ऊंची जाति के कुछ लोगों ने वहां उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जहां टेप राम अपना बयान रिकॉर्ड कर रहा है और पीछे उसकी दादी का अंतिम संस्कार हो रहा है.
टेप राम ने कहा, “उन्होंने (ऊंची जाति के लोग) कहा कि भगवान के प्रकोप के कारण अगर कुछ भी बुरा होता है तो हम लोग जिम्मेदार होंगे. इसलिए हम शव को पास के नाले ले आए और अंतिम संस्कार किया.”
कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर यूनुस से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.” उन्होंने कहा, “हम वायरल वीडियो में नजर आ रहे शख्स की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. हम तथ्यों की जांच के लिए ग्रामीणों से भी बात कर रहे हैं.”
डिप्टी कमिश्नर ने कहा, “अब तक कोई भी सामने नहीं (शिकायत दर्ज कराने) आया है, हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. हम ऐसे मामलों में बहुत सख्त हैं.”
डिप्टी कमिश्नर फिलहाल ठोक सबूत का इंतजार कर रहे हैं और किसी भी जिम्मेदार को नहीं बख्शने की बात कर रहे हैं.
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