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‘पेरेंट्स ने नहीं बनाया दबाव’, CBSE टॉपरों ने बताया सफलता का राज

टॉपर्स की सफलता का मंत्र मन लगाकर घंटों तक पढ़ना और ‘नो सोशल मीडिया’ पॉलिसी है.

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भारत
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सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं क्लास के रिजल्ट जारी कर दिए. इस बार 13 छात्र-छात्राओं ने 500 में से 499 अंक हासिल किए. लेकिन इन छात्रों के टॉप करने के पीछे पेरेंट्स का दबाव बिल्कुल भी नहीं है. इन टॉपर्स की सफलता का मंत्र मन लगाकर घंटों तक पढ़ना और नो सोशल मीडिया पॉलिसी है.

जयपुर से टॉपर तरु जैन ने बताया कि उन्होंने पूरे साल समय बर्बाद करने की बजाय हर रोज चार घंटे पढ़ाई करने का शेड्यूल बनाया. इसी मंत्र ने उनके अच्छे नंबर लाने में मदद की.

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यूपी से टॉपर पूर्ति श्रीवास्तव ने कहा, कोर्स से संबंधित बाजार में बहुत सारी किताबें मौजूद हैं लेकिन उनके टीचरों ने सिर्फ और सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई करने के लिए कहा. पूर्ति ने कहा, "टीचरों की यही सलाह मेरे काम आई."

नोएडा के मेयर स्कूल पढ़ाई करने वाली शिवानी लाथ ने कहा, “मैंने एग्जाम से दो महीने पहले ‘नो सोशल मीडिया’ पॉलिसी अपना ली थी, ताकि कहीं ध्यान भंग न हो. अब मैं गर्व से फेसबुक पर अपना रिजल्ट देख सकती हूं. “

नोएडा से सीबीएसई टॉपर सिद्धांत पेंगोरिया ने कहा, "मुझे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन ये अच्छा नहीं है. ज्यादा मार्क्स लाने के लिए मेरे माता-पिता का मुझपर कोई प्रेशर नहीं है."

केरल की भावना ने बताया कि दसवीं क्लास में 499 मार्क्स हासिल करना उन्हें यूपीएससी एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा, "मुझे यूपीएससी एग्जाम पास कके एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ज्वाइन करना है. 10वीं के मार्क्स मुझे मोटिवेट करेंगे कि मैं अच्छी तरह से पढ़ाई करुं."

बता दें, इस बार CBSE 10वीं का रिजल्ट 91.1 फीसदी रहा है. इनमें से 13 छात्र-छात्राओं ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं. 25 छात्रों ने 498 नंबर हासिल किए और 59 छात्र के 497 नंबर आए.

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