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‘पुलिस के सामने ही भीड़ दे रही थी मारने की धमकी’: दीपिका राजावत

दीपिका सिंह राजावत ने ट्विटर पर एक कॉर्टून पोस्ट किया था, जिसे सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया

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भारत
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''हम तुम्हारी यहीं कब्र खोदेंगे.... जम्मू-कश्मीर की जमीन पर,'' कुछ इस तरह चिल्लाती हुई 20-25 लोगों की भीड़ एडवोकेट दीपिका सिंह राजावत के घर के सामने आ खड़ी हुई. घटना 20 अक्टूबर की है जिसके बाद दीपिका जम्मू पुलिस को बुलाना पड़ा. द क्विंट से बातचीत मे दीपिका कहती हैं कि पुलिस के आ जाने के बाद बावजूद भीड़ जान से मारने की धमकी देती रही.

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दीपिका सिंह राजावत ने ट्विटर पर एक कॉर्टून पोस्ट किया था, जिसे सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया और उन्हें 'हिंदू धर्म के खिलाफ' बताया गया, इसके एक बाद ही भीड़ उनके घर पर आ गई. इस कॉर्टून में कमोबेश ये दिखाया गया था कि कैसे कुछ लोग साल के बाकी दिनों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगे रहते हैं और नवरात्र के वक्त देवी के चरणों में पहुंच जाते हैं.

वो ये लाइन बार बार चिल्लाते रहे. पड़ोस के सभी लोग जग गए थे, मैंने तुरंत पुलिस को फोन किया. प्रदर्शन करना एक चीज है लेकिन किसी को जान से मारने की धमकी देना बर्दाश्त के बाहर है. भीड़ ने पुलिस के सामने भी धमकी दी.
दीपिका सिंह राजावत

राजावत का दावा है कि इस मामले में फिलहाल कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है और वो जम्मू जोन के आईजी के समझ शिकायत दर्ज कराएंगी.

दीपिका सिंह राजावत तब पहली बार सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने जनवरी 2018 में कठुआ रेप और मर्डर केस में बच्ची के परिवारवालों का केस लड़ने का फैसला लिया था. हालांकि, परिवार ने नवंबर 2018 में राजावत को बतौर वकील मामले से हटा दिया था.

ऑनलाइन ट्रोल से लेकर ऑफलाइन मॉब तक

19 अक्टूबर को राजावत ने एक कॉर्टून पोस्ट किया था. जिसका कैप्शन था 'विडंबना'. बहुत सारे यूजर्स ने इसपर राजावत की जमकर आलोचना की थी और इस कॉर्टून को हिंदू मान्यताओँ और त्योहार का मजाक बताया था. कॉर्टून पर राजावत कहती हैं कि उनका मकसद सिर्फ इतना था कि वो 'लोगों की मानसिकता' को हाईलाइट कर सकें.

मेरा ट्वीट लोगों की मानसिकता को हाइलाइट करने के लिए था किसी की धार्मिक भावना को भड़काने के लिए नहीं था. मैं दोहराना चाहूंगी की किसी को एब्यूज (Abuse) करना मेरा मकसद नहीं था.
दीपिका सिंह राजावत

राजावत कहती हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऑनलाइन ट्रोल के बाद ही उनके घर के आगे भीड़ जमा हुई है. बता दें कि 20 अक्टूबर को #ArrestDeepikaRajawat ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा था.

'वो मुझे चुप नहीं करा सकते'

राजावत ने बताया कि पुलिस ने करीब एक घंटे में भीड़ को वापस भेज दिया. उनके साथ दोस्त और परिवार वाले तबतक रुके रहे. वो कहती हैं कि अहम मुद्दों पर आवाज उठाने की वजह से, चुप कराने की कोशिश हो रही है.

वो मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन वो मुझे चुप नहीं करा सकते. क्योंकि ये इंसाफ के लिए और पितृसत्तामक मानसिकता के खिलाफ है.
दीपिका सिंह राजावत

दीपिका सिंह राजावत का कहना है कि वो कानून-व्यवस्था में भरोसा रखती हैं, उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा.

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