फ्रांस के साथ भारत की राफेल विमानों की डील होनी है और शायद हो चुकी है. इस बारे में कुछ भी कहना इसलिए मुश्किल है क्योंकि रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि राफेल डील जल्दी ही पूरी होने वाली है जबकि केंद्र की सत्तासीन पार्टी का दावा है कि डील पूरी हो चुकी है.
दरअसल, बुधवार को बीजेपी ने अपने फेसबुक और ट्विटर के आधिकारिक अकाउंट से एक पोस्ट की जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार के नेतृत्व में राफेल डील पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही इस पोस्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस राफेल की 12 अरब डॉलर (80 हजार करोड़ रुपये) वाली डील को महज 8.8 अरब डॉलर में कर देश के खजाने के लिए करीब 3.2 अरब डॉलर (21 हजार करोड़ रुपये) की बचत की.
गुरुवार को जब देश के रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन भाग लेने पहुंचे तो पत्रकारों ने बीजेपी के अकाउंट से की गई पोस्ट के हवाले से सवाल पूछा. पत्रकारों के सवाल पर रक्षा मंत्री पार्रिकर ने कहा कि 36 लड़ाकू विमानों की खरीद वाली डील लगभग अंतिम चरण में है और यह जल्दी ही पूरी हो सकती है.
हम लोग इस करार को बहुत जल्द पूरा करना चाहते हैं, लेकिन जब तक करार पर हस्ताक्षर नहीं हो जाता या इसकी मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिल जाती, यह नहीं कह सकते कि मूल्य को लेकर बातचीत पूरी हो गई है.मनोहर पार्रिकर, रक्षा मंत्री
पार्टी इतनी जल्दी में क्यों?
अब सवाल ये है रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के मुताबिक करार हस्ताक्षर हो जाने तक राफेल डील की कीमत को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता तो फिर ऐसे में बीजेपी ने इस डील को लेकर पैसों तक का खुलासा कैसे कर दिया.
फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान राफेल के लिए साल 2012 में भारत ने एक समझौता किया था. इसके तहत भारत को फ्रांस से 126 राफेल विमान खरीदने थे.
हालांकि उस करार पर अमल नहीं हो पाया. इसके बाद बीते साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस और भारत के बीच सहमति बनी थी.
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