दिल्ली की हवा आजकल सुर्खियों में है. दिवाली के बाद कोई दिल्ली की हवा अच्छी होने का दावा कर रहा है, तो कोई इसे बेहद खराब बता रहा है. लेकिन असल में दिवाली के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि, इंडेक्स की बात करें तो ये पहले की ही तरह बेहद खराब की कैटेगेरी में है.
हमने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) बताने वाली साइट cpcbccr.com से दिल्ली के अलग-अलग इलाके से सही आकड़े जुटाएं. ये आकड़े दिवाली वाले दिन यानी 27 अक्टूबर सुबह, दिवाली के अगले दिन सुबह और दिवाली के दो दिन बाद सुबह के हैं.
27 अक्टूबर को दिवाली थी. दिवाली वाले दिन सुबह और इससे एक दिन पहले दिल्ली के चार इलाकों (आनंद विहार, रोहिणी, आईटीओ और द्वारका) में हवा की क्वालिटी एक जैसी थी. इसमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ. दिवाली के अगले दिन सुबह (28 अक्टूबर) हवा थोड़ी और खराब हो गई. उसके अगले दिन (29 अक्टूबर) को हवा थोड़ी और खराब हो गई.
आनंद विहार, दिल्ली में एवरेज AQI लेवल
- 27 अक्टूबर- 389
- 28 अक्टूबर- 357
- 29 अक्टूबर- 436
रोहिणी, दिल्ली में एवरेज AQI लेवल
- 27 अक्टूबर- 345
- 28 अक्टूबर- 359
- 29 अक्टूबर- 406
आईटीओ, दिल्ली में एवरेज AQI लेवल
- 27 अक्टूबर- 318
- 28 अक्टूबर- 345
- 29 अक्टूबर- 389
द्वारका सेक्टर-8, दिल्ली में एवरेज AQI लेवल
- 27 अक्टूबर- 410
- 28 अक्टूबर- 348
- 29 अक्टूबर- 330
बता दें, एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में लेवल 0 से लेकर 50 तक सबसे अच्छा माना जाता है. इसके बाद 51 से लेकर 100 तक ठीक और 101 से लेकर 200 तक मध्यम स्तर का माना जाता है. लेकिन इसके बाद हवा जहरीली होने लगती है. 200 से 300 तक खराब और 300 से पार जाने पर ये बेहद खराब होता है. वहीं अगर AQI 400 पार चला जाता है तो ये खतरनाक की श्रेणी में आ जाता है.
दिल्ली की हवा पिछले साल से बेहतर
इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में है. दिवाली के बाद राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ दर्ज की गई. लेकिन पिछले की तुलना में बड़ा सुधार देखा गया है. पिछले साल दिवाली के बाद AQI में 642 के साथ दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर के साथ आपातकाल’ की श्रेणी में पहुंच गई थी. इससे पहले साल 2017 में AQI 367 मापा गया था, जबकि साल 2016 में AQI 425 था.
दिल्ली में एयर क्वॉलिटी के इस खतरनाक स्तर पर जाने के लिए पटाखों के अलावा हरियाणा और पंजाब में जलाई जाने वाली पराली भी जिम्मेदार है. किसान लगातार पराली जला रहे हैं, जिसका धुआं हवा के जरिए दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच रहा है.
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