दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार की सुबह एक लावारिस बैग मिलने की खबर से हड़कंप मच गया. बताया गया कि इस बैग में आरडीएक्स जैसा कोई विस्फोटक हो सकता है. शुरुआती जांच में इसके संकेत मिले. दिल्ली पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. सुरक्षा एजेंसियों की खूब परेड भी हुई, लेकिन आखिरकार बैग से कपड़े और खिलौने निकले.
सुरक्षाकर्मियों को मिले बैग से विस्फोटक नहीं मिलने के बाद जहां पुलिस ने राहत की सांस ली, वहीं एजेंसियों की तरफ से शुरुआती जांच में आरडीएक्स जैसे विस्फोटक की बात सामने आने के बाद किरकिरी भी हो रही है.
पैसेंजर ने मांगा अपना बैग
इस लावारिस बैग को गुरुवार देर रात करीब 1 बजे सीआईएसएफ के एक जवान ने देखा था. जिसके बाद इसकी जांच की गई और शक जताया गया कि इसमें कोई विस्फोटक पदार्थ हो सकता है. इसके बाद ऐहतिहातन इस बैग को कूलिंग पिट में भी डाल दिया गया. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद एक पैसेंजर ने दावा किया कि ये उसका बैग है और वो इसे टर्मिनल-3 के पास भूल गया था.
पैसेंजर की मौजूदगी में जब बैग को खोला गया तो उससे एक लैपटॉप, उसका चार्जर, कुछ खिलौने और उसके कपड़े निकाले गए. बैग में किसी भी तरह का कोई आरडीएक्स या फिर विस्फोटक पदार्थ नहीं था. पैसेंजर का नाम शाहिद हुसैन बताया जा रहा है. उसने बैग भूल जाने के करीब 16 घंटे बाद पुलिस से संपर्क किया.
पुलिस ने खुद फैलाया 'डर'
लावारिस बैग मिलने के बाद पुलिस ने खुद इसमें कोई संदिग्ध सामान या विस्फोटक होने की तरफ इशारा किया था. जिसके बाद ये खबर तेजी से फैली और डर का माहौल बन गया. बैग मिलने के कुछ ही देर बाद डीसीपी (एयरपोर्ट) संजय भाटिया ने कहा था,
‘‘सीआईएसएफ की मदद से बैग को वहां से हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया. अभी तक उसे खोला नहीं गया है. ऐसा लग रहा है कि उसके भीतर बिजली के तार हैं. हमने एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है.’’
लोगों में मची अफरा-तफरी
पुलिस ने बैग की सही तरीके से जांच किए बिना ही अचानक से एयरपोर्ट के कुछ गेट बंद कर दिए. कई यात्रियों को बाहर जाने से रोक दिया गया. जिससे पूरे एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया. लोगों को कुछ घंटो तक इस परेशानी का सामना करना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पूरी तरह से जांच की, जिसके बाद सुबह करीब चार बजे यात्रियों की आवाजाही बहाल की गई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)