दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को उस याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें केंद्र ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी पर रोक लगाने को चुनौती दी थी. इस फैसले में कोर्ट फांसी की नई तारीख तय करने को लेकर भी आदेश जारी कर सकता है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
निर्भया के माता-पिता ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर जल्द फैसले का अनुरोध किया. निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने इस बात की जानकारी दी.
रद्द किया गया डेथ वारंट
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 जनवरी को मामले में चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वारंट जारी किया था. जिसे टाल दिया गया. बता दें कि इससे पहले, 7 जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी. लेकिन उसे भी रद्द करना पड़ा था.
क्यों टल गई थी फांसी?
कोर्ट ने 1 फरवरी को होने वाली फांसी को इसलिए टाल दिया था, क्योंकि दोषियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की थी कि उनके पास अभी कानूनी विकल्प बचे हैं. ऐसे में फांसी कैसे हो सकती है. इस याचिका पर सुनवाई के बाद चारों की फांसी टाल दी गई.
मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज हो चुकी है जबकि अक्षय की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. वहीं पवन ने अभी तक याचिका दायर नहीं की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)