वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में हुई झड़प ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा. अब इस घटना के कई दिन बाद इसके वीडियो सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की डीसीपी नॉर्थ मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी का अब दूसरा वीडियो जारी किया गया है. जिसमें दिख रहा है कि कैसे वकीलों की भीड़ उनसे हाथापाई और धक्का-मुक्की कर रही है.
दिल्ली पुलिस की महिला डीसीपी से बदसलूकी का एक वीडियो पहले भी सामने आया था, जिसमें वो वकीलों की भीड़ से छूटकर भागती नजर आ रही हैं.
अब इस नए वीडियो में डीसीपी मोनिका भारद्वाज वकीलों की भीड़ को रोकने की कोशिश करती दिख रही हैं. डीसीपी ने वकीलों के आगे आकर उन्हें रोकने की कोशिश की, हाथ भी जोड़े, लेकिन वकील उन्हें धक्का देते हुए आगे निकल गए.
वीडियो में दिख रहा है कि वकीलों ने वाहनों और कोर्ट परिसर को आग के हवाले कर रखा है. फुटेज में गाड़ियों से निकलती आग की लपटें नजर आ रही हैं.
तीस हजारी में हुई झड़प के अभी तक जितने भी सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, उनमें दिख रहा है कि कैसे वकीलों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया. पहले जारी वीडियो में वकीलों की भीड़ डीसीपी (DCP) नॉर्थ मोनिका भारद्वाज और उनके स्टाफ को भीड़ दौड़ा-दौड़ाकर हमला करती हुई नजर आ रही है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.
अब तक दर्ज नहीं हुई FIR
दिल्ली पुलिस की एक महिला डीसीपी के साथ हुई बदसलूकी पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस मामले की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस के आला अधिकारी चुप्पी साधे हैं. डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ सिर्फ धक्का-मुक्की और बदसलूकी नहीं हुई, बल्कि उनकी पिस्टल भी छीन ली गई. बताया जा रहा है कि अभी तक सर्विस पिस्टल गायब है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला अधिकारी ने अपने साथियों को बताया कि मामूली एफआईआर दर्ज करने से ज्यादा कुछ नहीं होने वाला है. ये खुद को बेवकूफ बनाने जैसा होगा. आधिकारिक तौर पर पुलिस का कहना है कि वो बिना एफआईआर के कुछ नहीं कर सकते हैं. लेकिन यौन अपराध जैसे मामलों में पुलिस खुद ही कार्रवाई कर सकती है.
बता दें कि तीस हजारी की घटना पर आला अधिकारियों से उदासीन रवैये को लेकर दिल्ली पुलिस के जवानों में नाराजगी है. जिसके चलते हजारों जवानों ने मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था. ये भी बताया जा रहा है कि अब पुलिस पर इस मामले को लेकर काफी दबाव बनाया जा रहा है. महिला अधिकारी को भी इस बात के संकेत दे दिए गए हैं कि वो मामले को आगे न बढ़ाएं.
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