दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ने भीषण गर्मी में 4 से 5 साल की छोटी बच्चियों को 5 घंटे तक बेसमेंट में बंधक रखा बहाना था कि फीस नहीं चुकाई गई.
बच्चियों के माता-पिता के का दावा है कि सोमवार को जब वो अपनी बच्चियों को लेने पहुंचे तो पता चला कि 16 बच्चियों को बेसमेंट में रखा गया है जो चारों तरफ से बंद था और वहां पंखा भी नहीं था. माता पिता का आरोप है कि ज्यादातर लड़कियां जोर जोर से रो रही थीं और उन्होंने ही सबको आजाद कराया.
मामला दिल्ली के चांदनी चौक के राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल का है. दिल्ली सरकार ने स्कूल के खिलाफ जांच कर दी है और मामला दर्ज कर लिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मामला दिल्ली के चांदनी चौक के राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल का है. जहां स्कूल ने करीब 16 बच्चियों को फीस नहीं जमा करने के नाम पर 5 घंटे तक बेसमेंट में बंद कर दिया. पेरेंट्स का आरोप है कि सुबह बच्चियों को स्कूल छोड़ने के बाद जब वे दोपहर 12:30 बजे छुट्टी के वक्त उन्हें लेने स्कूल गए तो पता चला कि बच्चों को बेसमेंट में बंद कर दिया गया है.
पेरेंट्स का कहना है कि
बच्चियां 40 डिग्री में पांच घंटों से भूखी प्यासी थीं. और बेसमेंट में हवा का कुछ भी इंतजाम नहीं था. जब बच्चियों ने अपने पेरेंट्स को देख कर रोने लगे. जिसके बाद पेरेंट्स ने हंगामा शुरू कर दिया. माता-पिता ने दावा किया कि उन्हें अपने बच्चों को बेसमेंट से बाहर निकालने के लिए स्कूल स्टाफ के साथ काफी बहस करनी पड़ी.
हालांकि स्कूल का तर्क है कि बच्चियों की फीस नहीं जमा हुई थी. जबकि बच्चियों के पेरेंट्स का दावा है कि उन्होंने फीस समय पर जमा कर दिया था. और उनके पास फीस जमा करने की रसीद भी है.
पुलिस ने स्कूल के खिलाफ केस किया दर्ज
पुलिस के मुताबिक, आईपीसी की धारा 342 (जबरन बंधक) के तहत स्कूल के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है. और हौजकाजी पुलिस स्टेशन में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट अधिनियम की धारा 75 के तहत आगे की जांच चल रही है.
केजरीवाल ने मांगी रिपोर्ट
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने दिए कार्रवाई के आदेश
इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर स्कूल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उन्होंने लिखा था कि स्कूल की इस हरकत से मैं खुद हैरान हूं.
स्कूल ने दी सफाई
इस पूरे मामले के मीडिया में आने के बाद स्कूल ने सफाई दी है. स्कूल की हेड मिस्ट्रेस, फरह दीबा ने कहा कि बेसमेंट बच्चों के खेलने का जगह है. जहां दो टीचर उनकी निगरानी के लिए भी मौजूद थें. बच्चे अकसर जमीन पर बैठ कर खेला करते हैं. लेकिन उस दिन पंखा बनने के लिए गया हुआ था. उन्होंने स्कूल पर लग रहे सभी आरोपों को आरोप गलत बताया है.
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