उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन जारी हैं. लेकिन इस प्रदर्शन ने तब हिंसा का रूप ले लिया जब नागरिकता कानून के समर्थन में भी लोग सड़कों पर उतरने लगे. समर्थकों और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच जमकर हिंसा हुई. इस हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत कुल पांच लोगों की मौत हो गई. वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं. इसके बाद कई इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं.
दिल्ली के मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर, खजूरी खास, भजनपुरा, गोकुलपुरी, सीलमपुर, चांदबाग समेत आसपास के इलाको से सोमवार दोपहर अचानक हिंसा की खबरें आने लगीं. प्रदर्शन कर रहे गुट आपस में भिड़े और बीच बचाव करने पहुंची पुलिस इसका शिकार हुई. पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी हुई, जिसके चलते दिल्ली पुलिस के कई जवानों समेत शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा और एक एसीपी घायल हो गए.
पांच लोगों ने गंवाई जान
दिल्ली के कई इलाकों में फैली हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई. इनमें से एक थे दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल, जो एसीपी के साथ प्रदर्शनकारियों को रोकने पहुंचे थे. लेकिन हिंसा की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई. रतनलाल राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले थे. वो दिल्ली पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल 1998 में भर्ती हुए थे. फिलहाल उनकी तैनाती एसीपी ऑफिस गोकुलपुरी में थी.
इस हिंसा में जान गंवाने वाले एक और शख्स का नाम फुरकान बताया जा रहा है, जो भजनपुरा इलाके का रहने वाला है. भजनपुरा में फैली हिंसा के दौरान इस शख्स को गंभीर चोटें आईं, जिनकी वजह से उसकी मौत हो गई.
वहीं शाहिद अल्वी नाम का ऑटो चालक एक इस्लामिक कार्यक्रम से लौट रहा था. तभी हिंसा के दौरान अचानक गोली चली और उसे पेट में लग गई. जिसके बाद उसे जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. इस हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
ट्रंप का दौरे और हिंसा का कनेक्शन
दिल्ली में ये हिंसा तब शुरू हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पहुंच चुके थे. ट्रंप फिलहाल दिल्ली में हैं और मंगलवार रात तक यहीं रहेंगे. इस बीच अब बीजेपी नेताओं ने हिंसा और ट्रंप के दौरे का कनेक्शन जोड़ना शुरू कर दिया है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के बीच दिल्ली में हिंसा की योजना साजिशन बनाई गई.
ट्रंप के दौरे के बीच हुई इस हिंसा के बाद पुलिस एक्शन में है. दिल्ली पुलिस ने सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों के साथ मिलकर मार्च शुरू कर दिया है. सभी इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल मौजूद है. किसी भी तरह की हिंसा पर सख्त कार्रवाई के निर्देश मिले हैं.
कैसे उग्र होता गया प्रदर्शन?
सबसे पहले हिंसा की खबरें जाफराबाद और मौजपुर इलाके से आईं. जहां सीएए के खिलाफ और समर्थन में प्रदर्शन कर रहे दो गुट आपस में भिड़ गए. मौजपुर में एक शख्स खुलेआम हाथ में पिस्तौल लिए फायरिंग करता नजर आया. बताया जा रहा है कि इस शख्स ने पुलिस के सामने कई राउंड फायर किए. बता दें कि इससे पहले 23 फरवरी को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सीएए के समर्थन में लोगों से सड़क पर उतरने की अपील की थी. जिसके बाद प्रदर्शन उग्र हो गया. ये तनाव लगातार बढ़ता गया और सोमवार को इसने हिंसक रूप ले लिया.
सीएम केजरीवाल समेत कई नेताओं ने किए ट्वीट
दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्रीय गृहमंत्री और दिल्ली के एलजी से हालात सुधारने की अपील की. इसके बाद उन्होंने बताया कि एलजी से हुई बातचीत के मुताबिक हिंसा वाले इलाकों में सुरक्षाबल भेजे जा रहे हैं. केजरीवाल के अलावा प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अशोक गहलोत, संजय सिंह, योगेंद्र यादव, मनोज तिवारी, हर्षवर्धन, सीताराम येचुरी समेत कई बड़े नेताओं ने ट्वीट किए. सभी नेताओं ने हिंसा खत्म करने की अपील की.
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