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बागी दिल्ली पुलिस के चलते थाने-चौकी ‘सूने’ और रास्ते ‘जाम’  

शनिवार यानि 2 नवंबर की दोपहर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों में जमकर झड़प शुरू हो गई थी

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अपने ही पुलिस कमिश्नर के खिलाफ बागी हुए दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने चंद घंटों में ही महकमे के आला-अफसरों को अपनी ताकत का अहसास करा दिया. मगंलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय घेरे जाते ही कई किलोमीटर तक दिल्ली की सड़कें जाम हो गईं. चूंकि पूरी दिल्ली के थानों-चौकियों में तैनात स्टाफ धरना-प्रदर्शन में शामिल होने जा पहुंचे, लिहाजा वहां सब 'सूना' हो गया.

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दिल्ली में अपनों को अपनों के ही खिलाफ बगावत पर उतरने की खबर फैलते ही केंद्र सरकार के कान खड़े हो गए हुक्मरानों को सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि तीस हजारी कांड से निपटने में दिल्ली के मौजूदा पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक इस कदर नाकाम साबित होकर हालात को विस्फोटक करवा बैठेंगे, वह भी इस हद तक कि जो हवलदार सिपाही उन्हें कल तक सल्यूट ठोंकते थे, उन्हीं को सड़क से हटाने के लिए अमूल्य पटनायक को खुद ही उनके हाथ-पांव जोड़कर मान-मनौवल करनी पड़ेगी.

दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों के बगावत पर उतर आने की खबर पता चलते ही दिल्ली पुलिस की आवासीय कॉलोनियों में भी कोहराम मच गया. पुलिसकर्मियों के परिवार जो पुलिस मुख्यालय पहुंच सकते थे, वे तो वहां धरने में पहुंच गए. लेकिन नरेला, अलीपुर, विकासपुरी सहित दिल्ली के दूर दराज के जिन इलाकों से पुलिस कॉलोनियों में रहने वाले परिवार दिल्ली पुलिस मुख्यालय नहीं आ पाए, उन्होंने अपने आसपास के ही रास्तों को जाम कर दिया. 

मतलब दिल्ली पुलिस कमिश्नर की दो-चार कमजोरियों के चलते गुस्से से बौखलाए पुलिसकर्मियों ने एक ही दिन में (मंगलवार) दिल्ली पुलिस के तमाम आईपीएस हुक्मरानों को समझा-बता दिया कि तुम्हारा हुकम बजाएंगे मगर तुम्हारी नाकामियों के चलते हम सड़क पर मार नहीं खाएंगे. अगर मार खिलवाओगे तो जैसे आज पुलिस मुख्यालय घेर कर तुम्हें बेइज्जती की पीड़ा का अहसास कराया है, ऐसा हम वक्त वक्त पर जब तुम चाहोगे तुम्हें दिखाते-कराते रहेंगे.

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दिल्ली के कई थानों और चौकियों में तो सूनेपन का आलम यह था कि वहां एक अदद संतरी सिपाही और ड्यूटी अफसर सब के सब पुलिसकर्मी धरना स्थल पर जा पहुंचे. बाहरी दिल्ली के नरेला-अलीपुर इलाके में पुलिसकर्मियों के परिवारों ने तो राष्ट्रीय राजमार्ग ही जाम कर दिया. सड़क पर जाम का कारण समझते ही भीड़ में शामिल तमाशबीन दिल्ली पुलिस मुखिया को भली-बुरी कहते हुए आगे बढ़ जा रहे थे.

दरअसल शनिवार यानि 2 नवंबर की दोपहर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों में जमकर झड़प शुरू हो गई. इस झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए, जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी इस झड़प में घायल हो गए थे. इसके अलावा एक वकील को गोली लगने की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद वकीलों का गुस्सा फूटा और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.

(इनपुट:IANS)

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