भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या का प्रत्यर्पण कराने के लिए ईडी और सीबीआई की एक ज्वाइंट टीम लंदन पहुंच चुकी है. 5 सदस्यों वाली इस टीम में सीबीआई के तीन अधिकारी और ईडी के दो अधिकारी शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक टीम, भारतीय बैंकों का 8,191 करोड़ रुपये का लोन चुकाए बिना ब्रिटेन भागे माल्या का प्रत्यर्पण कराने का प्रयास करेगी. ये टीम ब्रिटेन के अधिकारियों को माल्या के खिलाफ लोन चुकाने में असफल रहने के मामलों की बारीकी से जानकारी देगी.
ब्रिटेन की अदालत में है प्रत्यर्पण का मामला
विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला इस समय ब्रिटेन की एक कोर्ट में है. कोर्ट में सीबीआई और ईडी का सीधे कोई पक्ष नहीं है. एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय एजेंसियां माल्या की ओर से दायर याचिकाओं के खिलाफ ब्रिटेन के पक्ष की मदद करती हैं. टीम को भारत से लंदन भेजने का मकसद यही है कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए वहां की अदालत में मजबूत मामला बनाया जा सके.
बता दें कि 61 साल के माल्या को भारत के प्रत्यर्पण आग्रह पर पिछले महीने ब्रिटेन के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, लंदन की एक अदालत ने कुछ ही घंटे में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया. इस मामले में अब 17 मई को सुनवाई होनी है.
अरबों का कर्ज है बकाया
पिछले साल मार्च के महीने में देश से फरार हुए माल्या पर कई बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक का बकाया है. सीबीआई ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं. एक तो आईडीबीआई बैंक से जुड़ा है जबकि दूसरा मामला भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले समूह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है.
(इनपुट: भाषा)
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