एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) के 12 फरवरी को हुए वर्चुअल वेबिनार पर लगातार हमला और उसे बाधित किया गया. ये वेबिनार नक्सल इलाकों में रिपोर्टिंग की चुनौतियों पर आयोजित किया गया था. EGI ने बताया कि 'वेबिनार शुरू होने के थोड़े समय बाद ही अज्ञात लोगों ने पोर्नोग्राफिक समेत कई आपत्तिजनक कंटेंट वाली स्क्रीन शेयर कीं.'
EGI का ये सेमिनार 12 फरवरी दोपहर 3 बजे आयोजित किया गया था. इसमें मालिनी सुब्रमण्यम, पीवी कोंडल राव, मिलिंद उमारे , तामेश्वर सिन्हा, फैसल अनुराग और पूर्णिमा त्रिपाठी स्पीकर थे. गिल्ड ने कहा कि ये सभी 'पिछले कुछ दशकों में कॉन्फ्लिक्ट और मानवाधिकार उल्लंघनों की कहानी' बता रहे हैं. इस सेमिनार में स्पीकर्स नक्सल इलाकों में रिपोर्टिंग का अनुभव बताने वाले थे.
बिना किसी स्पीकर के बोले खत्म हुआ वेबिनार
एडिटर्स गिल्ड ने बताया कि वेबिनार शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद 'कुछ पार्टिसिपेंट्स ने ओछे वीडियो गाने' शुरू कर दिए. गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि मीटिंग होस्ट ने ऐसे पार्टिसिपेंट की विंडो बंद करने की कोशिश की, लेकिन ऐसी हरकतें बढ़ती चली गईं.
“कुछ ने ग्रुप चैट पर भद्दे मेसेज लिखे और पोर्नोग्राफिक कंटेंट और गाली की भाषा वाली स्क्रीन भी शेयर कीं. इसकी वजह से बिना किसी गेस्ट स्पीकर को मौका मिलने से पहले ही मीटिंग खत्म करनी पड़ी.”एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
गिल्ड ने अपने बयान में कहा, "हम इस अभूतपूर्व हमले से हैरान और परेशान हैं. ये हमला ऐसे लोगों ने किया था जो इन पत्रकारों की आवाज बाहर नहीं आने देना चाहते थे. नक्सल इलाके सरकार के अत्याचारों की सबसे भयानक घटनाएं झेलते हैं."
एडिटर्स गिल्ड ने इस घटना को बोलने की आजादी पर 'हमला' बताया और साइबर क्राइम सेल से इसकी जांच की मांग भी की.
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