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क्या EVM-VVPAT में की जा सकती है गड़बड़ी? जांच करेगा चुनाव आयोग

पूर्व आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन का कहना है कि EVM-VVPAT  से छेड़छाड़ की जा सकती है.

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चुनाव आयोग ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर पूर्व आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन की ओर से जताई गई गंभीर चिंताओं की जांच के लिए जांच करने का फैसला किया है. गोपीनाथन का कहना है कि इन मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती है.

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टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी करेगी जांच

गोपीनाथन 2019 चुनाव में चुनाव अधिकारी रह चुके हैं. 2 अक्टूबर को उन्होंने चुनाव आयोग को नौ पेज की चिट्ठी लिख कर ईवीएम-वीवीपैट की एक बड़ी तकनीकी खामी की ओर इशारा किया है. अब चुनाव आयोग एक चार सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी इसकी जांच करेगी.

चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने 'द क्विंट' से कहा

इस एक्सपर्ट कमेटी में प्रोफेसर डी टी शाहनी, प्रोफेसर रजत मूना, प्रोफेसर दिनेश शर्मा, प्रोफेसर ए के अग्रवाल शामिल हैं. कमेटी किसी भी स्टेकहोल्डर की ओर से उठाए गए तकनीकी मुद्दों की जांच करती है. इस मामले में भी यही किया जा रहा है. 

कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि इलेक्शन कमीशन की ओर से इस मुद्दे की जांच का भरोसा दिलाने से वह खुश हैं.

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उन्होंने कहा

जांच का भरोसा पाकर मैं खुश हूं लेकिन वीवीपैट के साथ और भी दिक्कतें आ सकती हैं. अच्छा होता कि इससे जुड़ी जांच में राजनीतिक पार्टियों समेत हर स्टेकहोल्डर को शामिल किया जाता. अगर आम लोगों के सामने ईवीएम-वीवीपैट का डिजाइन सार्वजनिक किया जाता है तो इससे इस दावे की और जोरदार पुष्टि होगी कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. अगर चुनाव आयोग कोई खामी पाता है तो इसे पब्लिक डोमेन पर भी शेयर किया जा सकता है.
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‘द क्विंट’ ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर किए थे सवाल

इससे पहले 19 अक्टूबर की एक स्टोरी में क्विंट ने ईवीएम-वीवीपैट की खामियों को लेकर कई सवाल किए थे. कन्नन गोपीनाथन ने भी इसी तरह के कुछ सवाल किए हैं. हमने चुनाव आयोग से ये सवाल किए थे.

  • VVPAT मशीनों को बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट के बीच क्यों रखा जाता है?
  • VVPAT मशीन, कंट्रोल यूनिट में जाने वाली जानकारी पर कंट्रोल क्यों रखता है?
  • इसे उल्‍टा क्यों नहीं किया जा सकता?
  • क्या इस खामी के कारण VVPAT-EVM की जोड़ी को मैन्यूपुलेट नहीं किया जा सकता?
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अब तक चुनाव आयोग ने इनमें से किसी सवाल का जवाब नहीं दिया है. एक वोटर के नाते हममें से हर किसी को ये जानने का हक है कि हमारी चुनाव प्रक्रिया सुरक्षित है या नहीं और लोकतंत्र को किसी तरह का खतरा तो नहीं? आश्चर्य है कि इन सवालों पर चुनाव आयोग खामोश है जब तक हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता. हम सवाल पूछते रहेंगे और उससे जुड़ी जानकारियां आप तक पहुंचाते रहेंगे.

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