देश में राजनीतिक दलों (Political Parties) को मिलने वाले चंदे (Political Donation) को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने बड़ा कदम उठाया है. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में सुधार और पारदर्शिता के मकसद से गुमनाम नकद चंदे को 20,000 रुपए से घटाकर 2,000 रुपए करने का प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजा है.
इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) को लिखे पत्र में मौजूदा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में कुछ संशोधनों की सिफारिश भी की है.
क्या हैं मौजूदा नियम?
वर्तमान में राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से अधिक के सभी चंदे का खुलासा अपनी योगदान रिपोर्ट के माध्यम से करना होता है जो चुनाव आयोग को पेश किया जाता है.
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से क्या होगा?
जानकारी के मुताबिक आयोग ने राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे की सीमा को 20,000 रुपए से घटाकर 2,000 रुपए करने का प्रस्ताव भेजा है. अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो राजनीतिक पार्टियों को 2,000 रुपए से अधिक के सभी चंदों की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी.
इस प्रस्ताव का क्या मकसद है?
चुनाव आयोग इस प्रस्ताव के जरिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पार्दर्शिता लाना चाहती है. इसके साथ ही काले धन पर लगाम लगाने की भी कोशिश है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित चुनावी सुधारों में राजनीतिक दलों को फंडिंग में अधिक पारदर्शिता के लिए पार्टियों के फंड से विदेशी फंड को अलग करना भी शामिल है.
जानकारी के मुताबिक कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जिन्होंने 20,000 रुपए से अधिक का योगदान जीरो दिखाया है, जबकि उनके लेखा परीक्षित खातों के विवरण में बड़ी मात्रा में प्राप्तियां दिखाई गई हैं. चुनाव आयोग ने काले धन के चुनावी चंदे को खत्म करने के लिए नकद चंदे को 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रुपए तक सीमित करने का भी प्रस्ताव भेजा है.
निर्वाचन आयोग यह भी चाहता है कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार अलग से बैंक खात खोलें और सारा लेनदेन इसी खाते से हो और चुनावी खर्च के ब्योरे में इसकी जानकारी भी दी जाए.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन की सिफारिश
मुख्य चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय कानून मंत्री को पत्र लिखकर मौजूदा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में कुछ संशोधन की भी सिफारिश की है.
बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग ने 284 गैर-अनुपालन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को हटा दिया है. उनमें से 253 से अधिक को निष्क्रिय घोषित कर दिया गया है. इससे पहले आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोप में देशभर में ऐसे कई पंजीकृत दलों पर छापेमारी की थी, जो रजिस्टर्ड तो थे लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ते थे और बड़ी मात्रा में लोगों से चंदा ले रहे थे.
इनपुट- IANS
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