कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री माधव सिंह सोलंकी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है. सोलंकी गुजरात के चार बार मुख्यमंत्री भी रहे हैं.
पेशे से वकील रहे सोलंकी आणंद के पास बोरसाद के रहने वाले थे. वे पहली बार 1977 में कुछ वक्त के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. वहीं नरसिंहराव की सरकार में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया.
प्रधानमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलंकी के निधन पर पर दुख जताते हुए लिखा, "श्री माधवसिंह सोलंकी जी बड़े नेता थे, जिन्होंने गुजरात की राजनीति में दशकों तक अहम भूमिका निभाई. उन्हें समाज के लिए अच्छी सेवाओं के लिए याद किया जाएगा. मैं उनके निधन से दुखी हूं. मैंने उनके बेटे भरत सोलंकी जी से बात की और संवेदनाएं जताईं. ओम शांति."
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, "राजनीति से इतर, श्री माधव सिंह सोलंकी जी पढ़ने के शौकीन थे और उनकी संस्कृति में गहरी रुचि थी. मैं जब भी उनसे मिलता या उनसे बात करता, तो हम किताबों की बात करते और वे मुझे हाल में पढ़ी गई किताब के बारे में बताते."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख जताते हुए लिखा, "श्री माधवसिंह सोलंकी जी से निधन से दुखी हूं. उन्हें कांग्रेस की विचारधारा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा. उनके परिवार और दोस्तों के लिए संवेदनाएं."
सोलंकी को गुजरात की राजनीति में KHAM (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) गठबंधन बनाने के लिए जाना जाता है. यह गठबंधन पटेल-बनिया-ब्राह्मण गठजोड़ के जवाब में बनाया गया था. राज्य में उच्च जातियों के बीजेपी को समर्थन इसी KHAM की राजनीति का परिणाम माना जाता है.
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