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कृषि बिल: देशभर में किसानों का प्रदर्शन, पंजाब में रेल रोको आंदोलन

देश के कई राज्यों में किसानों ने सड़कों पर उतरकर जताया विरोध

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भारत
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संसद से पास हुए कृषि बिलों को लेकर देशभर में किसानों का गुस्सा देखने को मिला. किसानों ने इन बिलों के विरोध में 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया था, जो कई राज्यों में काफी सफल रहा. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों का जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला. पंजाब में किसानों ने रेल रोको आंदोलन को अब 29 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. ये आंदोलन पहले 26 सितंबर तक था. यूपी, बिहार के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी किसान सड़कों पर उतरे और इन कृषि बिलों का विरोध किया.

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किसानों के इस प्रदर्शन को कई बड़ी विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिला है. दिल्ली से सटे राज्यों के कई किसानों ने राजधानी की तरफ कूच किया, लेकिन पहले से ही बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए थे.

किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए. दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेसवे को भी कई घंटे बंद रखा गया. लेकिन बॉर्डर से भी इस बार किसी भी तरह के लाठीचार्ज या हिंसा की खबरें सामने नहीं आईं और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.

10 हजार से ज्यादा जगहों पर प्रोटेस्ट- योगेंद्र यादव

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने किसानों को भी संबोधित किया. भारत बंद के बाद यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा कि किसान आंदोलन के नजरिए से आज का दिन काफी ऐतिहासिक रहा. उन्होंने कहा,

आज हरियाणा से जब शुरुआत हुई थी तो उम्मीद थी कि आज का दिन ऐतिहासिक होगा. हरियाणा से पटियाला तक रास्ते में इतनी जगह रास्ते बंद मिले किसान मिले, पूरा आंदोलन सफल रहा. देश में 10 हजार से ज्यादा जगहों पर किसानों ने प्रोटेस्ट किए.

योगेंद्र यादव ने कहा कि, "देश में पहली बार कानून पास होने के 5 दिन बाद इतना बड़ा प्रोटेस्ट हुआ. पहली बार इतने राज्यों में प्रोटेक्ट एक साथ हुआ. पहली बार किसानों के संगठनों के बड़े मोर्चे एक साथ एक आवाज में कहा कि ये तीनों कानून रद्द करो. किसानों ने मिलकर कहा कि हमें एमएसपी की गारंटी दो. अब पंजाब के किसानों ने जो चिंगारी जलाई वो अब पूरे देश में फैल रही है. अब किसान आंदोलन अब पीछे नहीं देख सकता है. इस ऐतिहासिक दिन का यही सबसे बड़ा सबक है."

राहुल गांधी बोले- किसानों को मोदी सरकार पर भरोसा नहीं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कई किसानों से हुई बातचीत दिखाई. वीडियो में किसान एमएसपी की गारंटी मांगते हुए नजर आए. राहुल ने इस वीडियो के साथ लिखा,

“किसानों से बातचीत करके एक बात साफ हो गयी- उन्हें मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. किसान भाइयों की बुलंद आवाज के साथ हम सबकी आवाज भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि कानूनों का विरोध करता है.”

पूरे देशभर में कुछ ऐसा रहा किसान आंदोलन

पंजाब और हरियाणा में इस बंद का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला. हरियाणा के कुरुक्षेत्र कैथल और अंबाला में सबसे ज्यादा प्रदर्शन हुए. वहीं पंजाब के पटियाला, लुधियाना, बठिंडा, मोगा, होशियारपुर, जालंधर और अन्य जगहों पर दुकानें बंद रहीं. पार्टी लाइन से ऊपर उठते हुए, किसान प्रदर्शन को जबरदस्त समर्थन मिला और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. चंडीगढ़ के हालात हालांकि सामान्य रहे.

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तमिलनाडु, कर्नाटक और बिहार में भी दिखा असर

कर्नाटक के बेंगलुरु में किसानों का प्रदर्शन देखने को मिला, इसके अलावा तमिलनाडु के त्रची में किसानों ने कंकाल लेकर प्रदर्शन किया. वहीं बिहार में प्रदर्शन के दौरान झड़प की खबरें सामने आईं. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पप्पू यादव यादव की पार्टी के कार्यकर्ता को डंडों से पीट दिया.

  • तेजस्वी यादव ने ट्रैक्टर चलाकर किसानों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, इस दौरान उनके भाई तेज प्रताप भी ट्रैक्टर में सवार दिखे.
  • पश्चिम बंगाल में वाम और तृणमूल कांग्रेस से जुड़े किसान निकायों ने बिलों के विरोध में राज्य के विभिन्न भागों में प्रदर्शन किया.
  • उत्तर प्रदेश में, किसान संगठनों ने बिल के विरोध में अयोध्या-लखनऊ हाईवे को कुछ घंटों के लिए बाधित कर दिया.
  • महाराष्ट्र में, किसानों ने मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे, कोल्हापुर, नासिक, नंदुरबार, जालना, बीड, औरंगाबाद, नांदेड़, यवतमाल और बुलढाणा में प्रदर्शन किया.

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