महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना में जारी सियासी जंग के बीच एक और किसान की अत्महत्या की खबर सामने आई है. महाराष्ट्र के पालघर जिले में 50 साल के बुजुर्ग धर्म जाधव ने बेमौसम बारिश से फसल खराब होने के गम में जहर खाकर अत्महत्या कर ली.
परिवार वालों ने बुजुर्ग किसान की अत्महत्या के पीछे बेमौसम बारिश से फसल खराब होने को वजह बताया है. हांलांकि दहानु तालुका में जिरवापाड़ा गांव में रहने वाले धर्म जाधव के पास से पुलिस को कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. लेकिन परिवार वालों का आरोप है कि बारिश के कारण फसल खराब होने से धर्म तनाव में था और इसी वजह से उसने अत्महत्या की है.
परिवार के इस दावे के बाद अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि किसान ने किसी बैंक से लोन तो नहीं लिया था या फिर उस पर कोई कर्जा तो नहीं था.
दहानु तालुका के तहसीलदार राहुल सारंग ने कहा कि
जाधव के परिजनों को जिला कृषि विभाग के इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपने पर 4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
पुलिस अधिकारी आनंद काले के मुताबिक कासा पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
ये मामला उस वक्त सामने आया है जब बीजेपी और शिवसेना के बीच कुर्सी को लेकर सियासी जंग छिड़ी हुई है. दोनों पार्टियां नतीजों की घोषणा के बाद एक साथ नजर नहीं आई हैं. लेकिन मीडिया के जरिए बयानबाजी जोरों पर है. शिवसेना, बीजेपी को 50-50 का फॉर्मूला याद दिला रही है तो बीजेपी मुख्यमंत्री पद से दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है.
बेमौसम बारिश ने महाराष्ट्र, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र के कई जिलों में खासकर कपास और सोयाबीन की फसलों को बेहद नुकसान पहुंचाया है.
इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा देने की बात कही है. सब कमेटी की बैठक में 325 तहसीलों में किसानों को हुए नुकसान पर चर्चा हुई और 10 हजार करोड़ मुआवजा देने के आदेश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि विभिन्न राजनीतिक दलों के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के प्रतिनिधित्व के बाद एक केंद्रीय टीम खराब फसल का जायजा लेगी.
वहीं दूसरी तरफ
शिवसेना ने शुक्रवार को मांग की थी राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत दी जानी चाहिए. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में उद्धव ठाकरे नीत दल ने कहा कि जिन किसानों की फसल खराब हुई है उन्हें बिना किसी शर्त के पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए. बीजेपी पर तंज कसते हुए शिवसेना ने ये भी कहा कि, बीजेपी किसानों के साथ खड़े होने के बजाए सारे प्रयास सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने पर केंद्रित हैं.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के किसान सरकार का नहीं,राहत का इंतजार कर रहे: शिवसेना
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)