यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन करने वाले 44 ग्रामीणों की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने डीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया और गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा करने की मांग की.
बता दें, यमुना एक्सप्रेस पर सैकड़ों किसानों ने जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए ज्यादा मुआवजा की मांग को लेकर चक्का जाम की योजना बनाई थी. लेकिन पुलिस ने दर्जनों किसानों को जेवर एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को किसान एकता संघ के बैनर तले करीब 80 किसानों ने जिला प्रशासन और यमुना प्राधिकरण के खिलाफ डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. संघ के प्रवक्ता रमेश कसाना ने बताया कि वो गिरफ्तार किसानों की 'बिना शर्त रिहाई' चाहते हैं.
किसान अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं और राज्य सरकार उनकी आवाज को दबा रही है. हम मांग करते हैं कि किसानों को तुरंत रिहा किया जाए.रमेश कसाना, प्रवक्ता, किसान एकता संघ
क्या है किसानों की मांग?
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के लिए किसानों का एक समूह पिछले एक साल से दयानतपुर गांव में मुआवजा राशि की मांग कर रहा है. संगठन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीणों के साथ अन्याय हो रहा है.
उन्होंने कहा, "वो बढ़े हुए मुआवजे के हकदार हैं क्योंकि उनके गांवों को शहरी क्षेत्र के रूप में बदला गया है. ये कदम जानबूझकर उठाया गया क्योंकि प्राधिकरण जानता था कि अगर क्षेत्र को ग्रामीण घोषित करते हैं, तो उन्हें चार गुना मुआवजा देना होगा. शहरी क्षेत्रों में मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना है.”
किसान ने कहा, "ऐसा नहीं है कि किसान जमीन नहीं देना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही मुआवजा नहीं मिल रहा है." उन्होंने कहा कि किसानों को रिहा नहीं किए जाने पर ग्रामीण फिर से विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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