आतंकियों की फंडिंग पर शिकंजा कसने में नाकाम पाकिस्तान को बड़ी सजा मिली है. दरअसल आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और मनी लॉन्ड्रिंग पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया-प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को EEFU लिस्ट (कालीसूची) में डाल दिया है. संबंधित अधिकारियों ने 23 अगस्त को इस बात की जानकारी दी.
FATF के एशिया प्रशांत समूह ने पाया है कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया. इस समूह ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में बैठक की, जिस दौरान 2 दिन में करीब 7 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली.
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी ने बताया, ''FATF के एशिया-प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से EEFU लिस्ट (काली सूची) में डाल दिया.’’आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और मनी लॉन्ड्रिंग के 11 प्रभावी मानकों में से पाकिस्तान 10 में खरा नहीं उतर पाया.
वहीं, एक और अधिकारी ने बताया कि अब पाकिस्तान को अक्टूबर में FATF की काली सूची में जाने से बचने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. बता दें कि अक्टूबर में FATF की 27 बिंदू कार्ययोजना की समय-सीमा खत्म होती है.
FATF से ब्लैकलिस्ट होने का मतलब पहले से चरमराई पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की कमर टूटना होगा. दरअसल FATF से ब्लैकलिस्ट देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज और वित्तीय मदद मिलने के रास्ते करीब-करीब बंद हो जाते हैं. फिलहाल पाकिस्तान को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि इस साल ही जून में FATF ने कहा था कि पाकिस्तान आतंक के वित्तपोषण पर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में नाकाम रहा है. उसने पाकिस्तान को अक्टूबर तक इसे पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)