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कोरोनावायरस की अखबार पर भी मार, लोगों ने खरीदना बंद किया 

सुबह-सुबह अखबार बेचने वालों का दर्द सामने आया  

Published
भारत
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कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में किये गये 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही ठप है. लोग अपने घरो से निकल नहीं रहे है. ऐसे में सुबह-सुबह अखबार बेचने वालों का दर्द भी सामने आया है. लोग डर से अखबार तक नहीं खरीद रहे हैं.

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लॉक डाउन की वजह से अखबार बेचने वालों को काफी नुकसान हो रहा है. जम्मू के अखबार विक्रेता का कहना है कि पहले लोग खुद अखबार खरीदने आते थे, अब अखबार पहुंचाने जाना पड़ता है. इस वजह से हमें 80 प्रतिशत घाटा हुआ है.

पहले 70-80 हजार अखबार की प्रतियां आया करती थी, लेकिन अब 15 हजार तक ही आती है.

वहीं पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अखबारों की बिक्री में इस आशंका को लेकर मंदी है कि यह कोरोनोवायरस को प्रसारित कर सकता है. एक हॉकर ने कहा कि हमारे अधिकांश ग्राहकों ने अखबार खरीदना बंद कर दिया है, यह कहते हुए कि यह वायरस को अपने घरों में ले जा सकता है. हमें ज्यदातर इलाकों में प्रवेश करने की अनुमति तक नहीं है. हमारी बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है.

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देश भर में 21 दिन का लॉकडाउन

कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है. हालात को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. इस दौरान कुछ जरूरी सेवाओं को छोड़कर सबकुछ बंद है.

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देश में कोरोना के 600 से ज्यादा केस

कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है. देशभर में अबतक 600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री की वेबसाइट के मुताबिक, देश के 25 राज्यों में कोरोना फैल चुका है. केरल में कोरोनावायरस के 109 मामलों की पुष्टि हुई है. इसके बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 128 मामले सामने आए हैं.

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