न्यूयॉर्क में SAARC देशों के विदेश मंत्री शुक्रवार को उस वक्त हैरान रह गए जब सुषमा स्वराज पाकिस्तान की उपेक्षा करते हुए SAARC देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बीच में ही छोड़ कर चली गईं. बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी आए थे. स्वराज यूनाइटेड नेशंस जनरल काउंसिल के 73वें सेशन से इतर गुरुवार को SAARC देशों के मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में शामिल हुईं. इस बैठक की अध्यक्षता नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावाली ने की.
बयान देने के बाद ही चली गईं सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपना बयान देने के बाद बैठक से जल्दी चली गईं. इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने उनकी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘नहीं, मेरी उनसे (स्वराज) कोई बात नहीं हुई. सकारात्मक तौर पर मैं कह सकता हूं कि वो बैठक के बीच से ही चली गयीं, शायद उनकी तबीयत ठीक नहीं रही होगी.''
भारतीय राजनयिक सूत्रों ने बताया कि किसी बहुपक्षीय बैठक में अपने देश का बयान देने के बाद बैठक खत्म होने से पहले चले जाना सामान्य बात है. सूत्रों ने बताया कि बैठक छोड़कर जाने वाली स्वराज पहली मंत्री नहीं थी. अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उनके समकक्ष भी उनसे पहले चले गए थे. उन्होंने बताया कि स्वराज के दूसरे कार्यक्रम भी थे और विदेश सचिव विजय गोखले SAARC बैठक में पूरे समय मौजूद थे.
पिछले हफ्ते ही रद्द हुई है मीटिंग
स्वराज और कुरैशी का यूएन जनरल काउंसिल के सत्र से अलग भी मुलाकात करने का कार्यक्रम था. भारत ने जम्मू कश्मीर में 3 पुलिसकर्मियों की क्रूर हत्या से नाराज होकर और पाकिस्तान की तरफ से आतंकी बुरहान वानी का ‘‘महिमामंडन'' करने वाली डाक टिकटें जारी करने का हवाला देते हुए बैठक रद्द कर दी थी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
कुरैशी ने कहा कि उन्होंने देखा कि बैठक में ये सोच थी कि ‘‘अगर हमें इस मंच से कुछ हासिल करना है तो हमें आगे बढ़ना होगा.'' उन्होंने भारत का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमें अगला कदम तय करना होगा. मुझे ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि SAARC की प्रगति और कामयाबी की राह में केवल एक रूकावट और रवैया है. उन्होंने कहा, ‘‘एक देश के रवैये से SAARC की भावना और SAARC के संस्थापक सदस्यों की भावना पूरी नहीं हो पा रही है और असफल है.''
2016 में भारत ने किया था SAARC का बहिष्कार
भारत ने अपने देश में आतंकवादी गतिविधियों को इस्लामाबाद के लगातार समर्थन और उरी में हुए पाकिस्तान आतंकियों के हमले का हवाला देते हुए 2016 के SAARC सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था.
कुरैशी ने स्वराज के बैठक से जाने के बाद विदेश सचिव के बयान को ‘‘बेहद अस्पष्ट बयान'' बताया. उन्होंने कहा, ‘‘आप कहते हैं कि अगला सम्मेलन तब तक नहीं होगा जब तक जरूरी माहौल नहीं होगा. आप कैसे परिभाषित करेंगे कि उपयुक्त माहौल क्या है? ये हर देश और हर शख्स के लिए अलग-अलग हो सकता है.'' कुरैशी के बयान पर भारतीय राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इसका जवाब स्वराज का बयान था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)