तेलगु देशम पार्टी (TDP) के पूर्व सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद का शनिवार, 21 सितंबर को निधन हो गया. वह 68 साल के थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवप्रसाद पिछले कुछ समय से किडनी से संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें इलाज के लिए चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
शिवप्रसाद उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब वह सांसद रहने के दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर संसद में कभी हिटलर तो कभी साधु के भेष में आते थे. संसद सत्र के दौरान वह आए दिन भेष बदलकर संसद पहुंचते थे.
संसद परिसर में अलग-अलग भेष में एन. शिवप्रसाद
TDP अध्यक्ष ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने एन शिवप्रसाद के निधन पर गहरा शोक जताया है. नायडू ने कहा कि शिवप्रसाद उनके मित्र जैसे थे. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में उनके संघर्ष को याद रखा जाएगा.
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि शिवप्रसाद का निधन चित्तूर ही नहीं, बल्कि पूरे आंध्र प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है. नायडू ने कहा कि इस सप्ताह पार्टी के दो वरिष्ठ नेता दुनिया छोड़कर चले गए, ये टीडीपी के लिए बेहद दुखद घड़ी है.
कौन थे अलग-अलग वेशभूषा में संसद आने वाले टीडीपी सांसद
पूर्व सांसद एन शिवप्रसाद संसद में अपनी वेशभूषा को लेकर काफी सुर्खियों में रहे थे. चित्तूर से सांसद रहने के दौरान वह कभी हिटलर के भेष में संसद पहुंचे, तो कभी छात्र, कभी नारद तो कभी महात्मा गांधी बनकर उन्होंने सुर्खियां बटोरीं.
ऐसा कहा जाता है कि वह वेशभूषा के जरिए समय-समय पर केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जताते थे. शिवप्रसाद राजनीति में आने से पहले अभिनेता रह चुके थे. उन्हें फिल्म दंगा के लिए साल 2005 सर्वोत्तम कलाकार (खलनायक) पुरस्कार भी मिला था.
- साल 1999 से 2004 तक वो आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे.
- इसके बाद साल 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए चित्तूर लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए और मई 2014 में दोबारा लोकसभा सदस्य के रूप में संसद पहुंचे.
- एन शिवप्रसाद आंध्र प्रदेश के विभाजन के सख्त खिलाफ थे और लोकसभा में कई बार प्रदर्शन कर चुके थे.
- आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ संसद में प्रदर्शन करने पर उन्हें निलंबित भी किया गया था.
- आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद राज्य के विशेष दर्जे की मांग को लेकर उन्होंने संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर की पोशाक पहनकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया था
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