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GST में अधिकतम दर 40 % हो सकती है, कीमतों पर असर नहीं..जानिए सबकुछ

14 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी तक रखने का प्रस्ताव

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GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में अधिकतम दर को 14 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी तक रखने का प्रस्ताव है. इससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर 40 फीसदी टैक्स वसूल पाएंगे. वहीं टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा. अधिकतम दर को बढ़ाने के पीछे कारण ये बताया जा रहा है कि भविष्य में दर बढ़ाने के लिए संसद के पास जाने की जरूरत नहीं हो.

इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने पीटीआई से कहा-

अधिकतम दर को बढ़ाने से 5, 12, 18 और 28 फीसदी वाले चार स्लैब के टैक्स ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा. पहले से इस तरह के बदलाव से भविष्य में किसी विशेष परिस्थिति में टैक्स की दर बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो उसे बढ़ाया जा सकेगा. 
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जीएसटी काउंसिल की सहमति

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने इस प्रावधान पर सहमति जताई है. जीएसटी काउंसिल में राज्यों का प्रतिनिधित्व है जो इस प्रावधान पर सहमत हैं. फिलहाल जो प्रस्तावित टैक्स दरें हैं (5%, 12%, 18% और 28%) उनमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा.

क्या है इस दर को बढ़ाने के मायने ?

फिलहाल जीएसटी में जो टैक्स का प्रस्ताव है उसमें अधिकतम दर 28 फीसदी है. जिसका मतलब है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर 14-14 फीसदी टैक्स लगा सकती हैं यानी कुल टैक्स 28 फीसदी ही लग सकता है.

अब नए प्रावधान में इस 14 फीसदी टैक्स को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. जिसका मतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर अधिकतम 40 फीसदी टैक्स लगा सकेंगे.

क्यों बढ़ाए जा रहे हैं दर ?

अधिकतम टैक्स दर में बदलाव के पीछे कारण बताया जा रहा है कि भविष्य में अगर किसी विशेष स्थिति में दरों को बढ़ाना पड़े तो इसके लिए संसद की मंजूरी ना लेना पड़े, परिषद खुद ही दरों को बढ़ा सके.

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