एक नए ग्लोबल सर्वे के मुताबिक, 15-25 साल की उम्र की 50 फीसदी से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को साइबर स्टॉकिंग का शिकार होना पड़ा है, उन्हें भद्दे मेसेज और फोटो भेजे गए और उनके साथ ऑनलाइन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार हुआ है.
प्लान इंटरनेशनल की इस स्टडी में सामने आया कि लड़कियों ने जिस दुर्व्यवहार का सामना किया है, उसकी वजह से उन्होंने सोशल मीडिया छोड़ दिया और उन्हें 'आघात' पहुंचा है.
इस ग्लोबल सर्वे में 31 अलग-अलग देशों की 14,000 यंग महिलाओं ने हिस्सा लिया था.
करीब 40 फीसदी ने कहा कि उनके साथ फेसबुक पर बदसलूकी हुई, लेकिन उन्होंने इंस्टाग्राम, WhatsApp, स्नैपचैट, ट्विटर और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी इसी तरह की दिक्कत के बारे में बताया.
'सड़कों से ज्यादा ऑनलाइन उत्पीड़न की आशंका'
सर्वे में शामिल हुईं लड़कियों में से 7,000 से ज्यादा ने कहा कि सड़कों से ज्यादा उनके साथ ऑनलाइन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार होने की आशंका है. हर चार में से एक लड़की ने कहा कि सोशल मीडिया पर दुर्व्यवहार की वजह से उन्हें फिजिकली असुरक्षित महसूस होता है.
एक 23 वर्षीय महिला ने कहा, “सबसे खराब स्थिति में मुझे असुरक्षित लगता है क्योंकि मैं समझ नहीं पाती कि एक खास शख्स को मेरी जिंदगी के बारे में इतनी जानकारी कैसे है और मुझे चिंता होती है कि ये मेरा पता ढूंढ लेगा और घर आ जाएगा.”
ऑनलाइन दुर्व्यवहार से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
कम से कम 42 फीसदी महिलाओं ने ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद अपने आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास में कमी महसूस की है. दूसरे 42 फीसदी समूह का कहना है कि इसकी वजह से वो मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान रहीं.
दुर्व्यवहार की वजह से 14,000 लड़कियों और महिलाओं में से 18 फीसदी ने बताया कि उन्हें पढ़ने या स्कूल में दिक्कत हुई है.
खुद को नस्लीय या जातीय अल्पसंख्यक के तौर पर पहचानने वालीं करीब 37 फीसदी लड़कियों ने बताया कि उनके साथ समुदाय को लेकर दुर्व्यवहार किया गया. वहीं, LGBTQIA+ समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं 42 फीसदी का कहना था कि उनकी पहचान को लेकर हमला किया गया.
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