वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है. कंपनी ने एनसीएलटी में इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लीकेशन दी है. कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने बताया है कि कंपनी ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत एनसीएलटी में अप्लाई किया है.
"कंपनी आर्थिक तंगी से जूझ रही है. एयरलाइन के 28 विमान ग्राउंड कर दिए गए हैं. यानी उसके आधे से ज्यादा विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है.कौशिक खोना, CEO
क्यों कैंसिल हो रही हैं फ्लाइट्स?
एविएशन रेगुलेटर DGCA को दी गई जानकारी में GoFirst ने बताया कि 4 मई तक फ्लाइट की सभी बुकिंग को बंद कर दिया है. क्योंकि एयरलाइन के पास कैश खत्म हो गया है.इस कारण वह ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही है. इन कंपनियों ने उसे तेल देने से इन्कार कर दिया है. गो फर्स्ट के विमान तीन और चार मई को उड़ान नहीं भरेंगे. एयरलाइन ने सरकार को भी इसकी जानाकरी दी है.
आधे से ज्यादा विमान खड़े हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन ने इंजन बनाने वाली कंपनी (Pratt & Whitney) के खिलाफ मुकदमा भी किया है. इससे पहले 30 जून को एक फैसला गो फर्स्ट के पक्ष में आया. फैसले में बताया कि अगर एयरलाइन को इंजन नहीं मिले तो कंपनी बंद हो जाएगी. 31 मार्च तक के आंकड़ो के मुताबिक, कंपनी के 30 विमान ऑपरेट नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, 9 विमान भी ऐसे हैं, जिनके लीज पेमेंट का भी भुगतान किया जाना है.कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक उसके बेड़े में 61 विमान हैं. इनमें 56 ए320 नियो और पांच ए320सीइओ हैं
Go First एयरलाइन ने दावा किया है कि अगर विमान इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी ने उसे तुरंत इंजन सप्लाई नहीं किया तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी
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