केंद्र सरकार ने सोमवार को पुराने नोट बदलवाने का एक और मौका देने से इनकार कर दिया है. नोटबंदी के बाद जो लोग 30 दिसंबर 2016 तक अपने पुराने 500-1000 रुपये के नोट किसी सही कारण से नहीं बदलवा सके थे उनके पुराने नोट भी सरकार नहीं बदलेगी.
दरअसल, 4 जुलाई को नोटबंदी से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से पूछा था कि जो लोग नोटबंदी के दौरान किसी सही कारण से अपने पुराने नोट तय वक्त में जमा नहीं करा सके थे उन्हें दोबारा नोट बदलने का मौका क्यों नहीं दिया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, जो लोग जायज कारणों के चलते रुपये बैंक में जमा नहीं करा पाए, उनकी संपत्ति सरकार इस तरह नहीं छीन सकती है.
सरकार का जवाब
सरकार ने जवाब में कहा है कि पुराने नोट बदलवाने का एक और मौका देने से काला धन खत्म करने का मकसद ही खत्म हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में वित्त मंत्रालय के जूनियर सेक्रेटरी टी. नरसिम्हा ने कहा,
लोगों को पुराने नोट जमा कराने के लिए साल 2016 के 30 दिसंबर तक पर्याप्त वक्त दिया गया. नोटबंदी का असल लक्ष्य काले धन को खत्म करना था. अब अगर एक और मौका दिया गया तो इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि अगर ऐसी अनुमति दी गई तो कई बेनामी लेनदेन होंगे और प्रॉक्सी यूजर्स पुराने नोट बदलेंगे और काले धन पर रोक नहीं लग पाएगी. उन्होंने अदालत से उस याचिका को खारिज करने की मांग की, जिसमें नोट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को सरकार और RBI से जवाब देने के लिए कहा था.
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