WhatsApp पर अफवाह और फेक न्यूज को तेजी से फैलता देखकर सरकार ने कंपनी को दूसरा नोटिस भेजा है. सरकार का कहना है कि कंपनी को फेक न्यूज फैलने से रोकने के लिए ज्यादा कारगर कदम उठाने होंगे. सरकार ने WhatsApp से ये भी कहा है कि फेक न्यूज के प्रसार का जरिया बनने वाले अपराध में सहयोगी माने जाएंगे और अगर वो चुपचाप ऐसी ही देखते रहे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
इससे पहले भी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सऐप को चेतावनी दी थी कि सिर्फ वादे ही नहीं जमीन पर एक्शन और अमल भी दिखना चाहिए. लगातार आ रही लिंचिंग की खबरों के बाद वॉट्सऐप ने सरकार को चिट्ठी लिखकर फर्जी खबरें और गैर जिम्मेदाराना मैसेज रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी. हालांकि कंपनी ने ये साफ कर दियाथा कि अफवाह वाले मैसेज रोकने के लिए सबको मिलकर काम करने से ही बात बनेगी और इसपर रोक लगेगी.
कंपनी ने अपने जवाब में कहा था कि वो खुद अफवाहों से फैलने वाली हिंसा की बढ़ती घटनाओं से फिक्रमंद है, साथ ही इस तरह के मुद्दों पर फौरन एक्शन लिया जाएगा.
बढ़ रही हैं अफवाहों से लिंचिंग की घटनाएं
हाल के कुछ महीनों हिंसक भीड़ द्वारा कुछ लोगों को शक के आधार पर पीट-पीटकर जान से मारने की घटनाओं में वॉट्सऐप के फर्जी मैसेज के उकसावे की भूमिका रही है. हाल ही में महाराष्ट्र के धुले में भीड़ ने पांच लोंगों पर बच्चा चुराने वाले होने के शक में उनकी पीट पीट कर हत्या कर दी थी. इसी तरह की एक घटना में त्रिपुरा में दो लोगों को पीट-पीट कर मार दिया गया. असम में भी पिछले महीने भीड़ ने एक शख्स को पीट पीट कर मार डाला.
सरकार अब ऐसी घटनाओं को लेकर एक्शन मोड में दिख रही है और फेक न्यूज पर लगाम कसने की तैयारी में है.
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