जीएसटी वसूली के मोर्चे पर सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का झटका लगा है. जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार है जब वसूली 90 हजार करोड़ रुपए से नीचे फिसल गई है.
सरकार के लिए ये फिक्र की बात हो सकती है. जानकारों का मानना है कि नवंबर की जीएसटी वसूली में भी कमी आ सकती है क्योंकि 10 नवंबर को सरकार ने जीएसटी में बड़े बदलाव किए हैं जिनका असर अगले रिटर्न में देखने को मिलेगा
आगे और कमी का खतरा
जीएसटी के तहत टैक्स कलेक्शन में आई यह कमी जीएसटी के स्लैब में बदलाव के चलते हुई है. इसके अलावा, 10 नवंबर को एक बार फिर GST काउंसिल की बैठक में 200 से ज्यादा चीजों पर टैक्स रेट को घटाने का फैसला किया गया.
अब सिर्फ 50 चीजों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है वहीं 13 चीजों को 18% स्लैब 12% स्लैब में लाया गया है. 8 चीजों को 12% स्लैब से 5% स्लैब में लाया गया है 6 चीजों पर टैक्स घटाकर जीरो कर दिया गया है.
जाहिर है अगला रिटर्न भी सरकार के लिए सिरदर्द रहने वाला है.
जीएसटी के अंतर्गत अब तक 95.9 लाख करदाता रजिस्टर हो चुके हैं. इनमें से 15.1 लाख कम्पोजिशन डीलर हैं, जिन्हें हर तिमाही रिटर्न फाइल करने होते हैं. अक्टूबर से 26 नवंबर तक 50.1 लाख जीएसटी रिटर्न फाइल हुए हैं.वित्तमंत्रालय
वसूली क्यों कम हुई
हालांकि वित्तमंत्रालय ने वसूली में कमी की वजह रिफंड को भी इसकी वजह बताया है. मंत्रालय का कहना है कि रिटर्न का मिलान करने की वजह से कमी आई है.
वसूली में कमी का ज्यादा असर केंद्र के खजाने पर ज्यादा पड़ेगा क्योंकि सीजीएसटी पर इसका असर ज्यादा होगा.
इसके अलावा रिटर्न भरने वालों की संख्या में भी करीब 15 परसेंट कमी आई है. अब तक हर महीने 58 से 60 लाख रिटर्न भरे जा रहे थे, जो इस बार घटकर 50 लाख ही रह गए हैं.
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 95,000 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी. अगस्त में ये घटकर 91000 करोड़ रह गई. सितंबर में बढ़कर 92,150 करोड़ पहुंची. लेकिन अक्टूबर में भारी कमी के साथ सिर्फ 83 हजार करोड़ के आसपास ही रह गई.
राज्यों को 10,806 करोड़ रुपये का मुआवजा
वित्तमंत्रालय के मुताबिक अब तक लक्जरी और नुकसान वाले आइटम पर टैक्स (Sin Tax) से हुई वसूली के 10,806 करोड़ रुपए राज्य सरकारों को दिए जा चुके हैं. जबकि सितंबर और अक्टूबर में के मुआवजे के 13,695 करोड़ रुपए जल्द रिलीज कर दिए जाएंगे.
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि राज्यों ने स्टेट GST के तहत अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर (27 नवंबर तक) 87,238 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के लिए राज्यों को 31,821 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. नवंबर में 13,882 करोड़ रुपए राज्यों को भुगतान के लिए जारी कर दिए गए हैं.
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