ADVERTISEMENTREMOVE AD

गुजरात में मुस्लिमों की सरेआम पिटाई, कौन सा कानून कहता है कि आरोपी ही अपराधी है?

Gujarat: सबसे शर्मनाक बात ये है कि मुस्लिमों की पिटाई के वक्त मौजूद भीड़ तालियां बजा रही थी.

Published
भारत
1 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा

एक लाठी, दो लाठी, तीन लाठी, कई लाठियां…फिर दूसरे शख्स की भी इसी तरह से पिटाई. इसी तरह तीसरे, चौथे, पांचवें...कुल मिलाकर 9 मुस्लिमों को गुजरात (Gujarat) में खेड़ा के उंधेला गांव में सार्वजनिक तौर पर पीटा गया. ये वीडियो (Viral Video) काफी परेशान करने वाला है- पहली बात ये सब पुलिस के सामने हुआ. इसे रोकने के बजाय वो इसकी भागीदार बनी. पिटाई के बाद हर पीड़ित को पुलिस वैन में ले गई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
दूसरा ये कि सादी वर्दी में पीटने वाले लोग खुद पुलिसवाले हो सकते हैं लेकिन चूंकि ये बहुत आपत्तिजनक होगा, गुजरात पुलिस इसे स्वीकार नहीं कर रही.

तीसरी और सबसे शर्मनाक बात ये है कि पिटाई के वक्त मौजूद भीड़ तालियां बजा रही थी. किसी को नहीं लगा कि ये गलत हो रहा है या कानून के खिलाफ और अमानवीय है.

इन मुस्लिमों पर एक गरबा कार्यक्रम पर पथराव का आरोप था, इसमें कुछ लोग जख्मी हुए थे. इसकी आलोचना होनी चाहिए लेकिन भारत का कौन सा कानून कहता है कि आरोपी ही अपराधी है?

'हम सबको क्या हो गया है?'

क्या कानून यह कहता है कि गुंडे नहीं, पुलिस आरोपियों को खुद लाए और एक-एक करके चौराहे पर पीटे, उनकी बेइज्जती करे और भीड़ से माफी मंगवाए. ये भीड़तंत्र है, जिसमें पुलिस खुद मुख्य किरदार निभा रही है. देश के मुस्लिमों के लिए ये नया नॉर्मल है. ये जो इंडिया है ना....यहां हम सब को क्या हो गया है?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×