चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से चलाए जा रहे एड कैंपेन में 'पप्पू' शब्द का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है. इस विज्ञापन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाया गया था, जिसे चुनाव आयोग ने ‘अपमानजनक’ बताया है.
इस मामले पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि विज्ञापन की स्क्रिप्ट में किसी शब्द का किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है. बीजेपी समर्थक राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए सोशल मीडिया पर अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं.
वीडियो विज्ञापन की स्क्रिप्ट में किया गया था ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल
पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी ने बीती 31 अक्टूबर को 'किराना' नाम से एक विज्ञापन की स्क्रिप्ट को स्टेट इलेक्शन कमीशन की मीडिया कमेटी के पास अप्रूवल के लिए भेजा था. इस विज्ञापन में एक किरदार का नाम 'पप्पू' रखा गया है. यह किरदार जैसे ही किराना स्टोर पर पहुंचता है, वैसे ही स्टोर का ही एक स्टाफ कहता है, 'सर पप्पू भाई आए लगते हैं.'
इस स्क्रिप्ट पर चुनाव आयोग की कमेटी ने आपत्ति जताई और 'पप्पू' शब्द को व्यक्ति विशेष के लिए ‘अपमानजनक’ बताया. कमेटी ने बीजेपी को यह शब्द हटाने या फिर बदलने के निर्देश दिए हैं.
बीजेपी ने इलेक्शन कमेटी के फैसले के खिलाफ की थी अपील
इसी महीने बीजेपी ने इस फैसले के खिलाफ गुजरात में चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की थी.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'चुनाव से संबंधित किसी भी तरह का विज्ञापन बनाने के लिए विज्ञापन की स्क्रिप्ट कमेटी के सामने अप्रूवल के लिए पेश करनी होती है. कमेटी ने ‘पप्पू’ शब्द पर आपत्ति जताई और इसे अपमानजनक बताया. उन्होंने हमें इस शब्द को हटाने के लिए कहा था.'
बीजेपी नेता के मुताबिक, पार्टी इस शब्द को किसी दूसरे शब्द से बदलेगी और इलेक्शन कमेटी के सामने नई स्क्रिप्ट पेश करेगी. उन्होंने कहा कि पूरी स्क्रिप्ट में ‘पप्पू’ शब्द का किसी भी व्यक्ति से सीधा संबंध नहीं दिखाया गया है. फिर भी इसे बदला जा रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने इलेक्शन कमेटी के सामने इस मामले पर पुर्नविचार करने की अपील भी की थी. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.
गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने हैं. पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 14 दिसंबर को होगी. चुनाव का रिजल्ट 18 दिसंबर को आएगा.
(इनपुट- PTI)
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