जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) ने 5 जुलाई को कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक के नतीजे से 'निराश' है. पांच राजनीतिक दलों के गठबंधन पीपल्स अलायन्स फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (PAGD) के सदस्यों के साथ पीएम मोदी (Narendra Modi) ने 24 जून को दिल्ली में मुलाकात की थी.
गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता और सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने कहा, "PAGD के सभी सदस्यों ने दिल्ली बैठक के नतीजे पर निराशा जताई है, खासकर विश्वास बढ़ाने के कदमों की गैरमौजूदगी में, जैसे कि राजनीतिक और बाकी सभी बंदियों को जेल से छोड़ना और 2019 से जम्मू-कश्मीर में घेराव और दमन के माहौल का अंत करना."
पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद अपने पहले सार्वजानिक बयान में गुपकार गठबंधन ने कहा कि 'जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव राज्य का दर्जा वापस होने के बाद ही आयोजित करने चाहिए.'
"राज्य का दर्जा वापस लौटाने के संबंध में बीजेपी ने संसद में वादा किया था और उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए. विधानसभा चुनाव उसके बाद ही होने चाहिए. इसके लिए PAGD जम्मू-कश्मीर के हर राजनीतिक दल से मिलेगा."एमवाई तारिगामी
'संघर्ष जारी रहेगा'
PAGD ने 4 जुलाई को कई बैठकें की थीं. इसमें गठबंधन के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला और वाइस-चेयरपर्सन महबूबा मुफ्ती शामिल हुई थीं.
PAGD ने कहा है कि '5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के लोगों पर थोपे गए असंवैधानिक और अस्वीकार्य बदलावों को बदलने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक तरीकों से लड़ाई जारी रखी जाएगी.'
गठबंधन ने कहा, "इन बदलावों के खिलाफ PAGD का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक लक्ष्य हासिल नहीं कर लिया जाता."
24 जून की बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, "हमारी प्राथमिकता है कि जम्मू कश्मीर में निचले स्तर तक लोकतंत्र को मजबूत किया जाए. जल्द से जल्द परिसीमन किए जाने की जरूरत है ताकि जल्दी चुनाव कराए जा सकें. इससे जम्मू कश्मीर को चुनी हुई सरकार मिलेगी जो जम्मू कश्मीर के विकास में मजबूती देगी."
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