हरियाणा के मेवात के रहने वाले 47 साल के जाकिर हुसैन के बेटे आसिफ की 16 मई को हत्या की गई. लेकिन हत्या के आरोपियों के समर्थन में उनके गांव और आसपास के इलाकों में महापंचायत का आयोजन कराया गया. इस पर पिता जाकिर का कहना है- 'मैं अपने बेटे के लिए न्याय की मांग करता हूं. उन्होंने बुरी तरह से मेरे बेटे की हत्या की है. उसकी हड्डियां टूट गई थीं और उसका चेहरा खराब कर दिया गया. हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिए. हमारे देश में ये सब हो रहा है, बतौर परिवार हमारे लिए ये बहुत ज्यादा चिंता की बात है.'
मेवात के कई सारे गांवों जैसे- कीरा, बदौली, सोहना में महापंचायतों का आयोजन किया गया. बताया गया कि सबसे बड़ी महापंचायत इंद्री गांव में हुई, जिसमें करीब 50 हजार लोग शामिल हुए. ये आसिफ और जाकिर के घर से सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
महापंचायत में करणी सेना, भारत माता वाहिनी औ स्थानीय बीजेपी नेता शामिल रहे. ये लोग आसिफ की हत्या को उचित ठहराते रहे और अनर्गल आरोप लगाकर भड़काऊ बयानबाजी करते रहे.
आसिफ के परिवार ने सुना है कि इन महापंचायतों में क्या बात हुई. व्हाट्सएप पर इस घटना को लेकर कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं. आसिफ का परिवार इस चर्चा से परेशान और दुखी है. उनका कहना है कि अभी हमें संयम बरतने की जरूरत है.
मामले में अब तक 3 शिकायतें
एसपी नुह नरेंद्र बिजारनिया ने कहा- ‘करीब एक हफ्ते पहले तीन शिकायतें दर्ज की गईं. एक शिकायत इंद्री गांव के वार्ड नंबर 4 के पार्षद अंजुम हुसैन ने की, दूसरी मुस्लिम रक्षा दल और तीसरी शिकायत फारुक अब्दुल्ला नाम के एक वकील ने दर्ज कराई है, उन्होंने लीगल नोटिस भी भेजा है.’
एसपी ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि- 'किसी ने भी महापंचायत या फिर अमुपाल सिंह के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. अभी कोरोना संक्रमण का दौर है और हम हालातों की जांच कर रहे हैं.'
आसिफ के चाचा का कहना है कि- वो लोग खुले तौर पर दंगा कराना चाह रहे
जाकिर वीडियो दिखाते हुए बोलते हैं कि 'आपने एकदम सही सुना, ये भड़काकर नफरत फैलाना चाहते हैं.' इस तरह के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो के फेसबुक पर 29,000 से ज्यादा व्यूज हो गए हैं.
जाकिर और आसिफ के चाचा हनीफ का कहना है कि वो जानते हैं कि ये महापंचायत क्यों आयोजित हो रही हैं.
वो दंगा कराना चाहते हैं, वो चाहते हैं कि हिंदू और मुस्लिमों के बीच लड़ाई हो. वो पुलिस को चुनौती दे रहे हैं और मुस्लिम समुदाय को उकसा रहे हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने मेरे भतीजे की हत्या की हैहनीफ, आसिफ के चाचा
आसिफ हत्या के केस के कई आरोपी फरार
आसिफ के परिवार वाले इस इंतजार में हैं कि जो लोग आसिफ की हत्या को सही ठहरा रहे हैं उन पर केस दर्ज होगा. वो इस बात का भी इंतजार कर रहे हैं कि हत्या के दूसरे आरोपियों को भी पकड़ा जाएगा. आसिफ के परिवार का कहना है कि अदवानी, भीम, नाथू, बल्ला, ऋषि, सोनू और दूसरे आरोपी अभी भी फरार हैं.
16 मई की रात क्या हुआ?
आसिफ के घरवालों के मुताबिक आसिफ जो कि पेशे से बॉडी बिल्डर और जिम ट्रेनर भी था, वो 16 मई की रात सोहना से दवाई लेकर आ रहा था. उसकी गाड़ी का तीन कारों ने पीछा किया, जिसमें करीब 15 लोग बैठे हुए थे.
आसिफ के पिता जाकिर का कहना है कि उनका बेटा, उनके 2 भतीजों रासिद और वासिफ के साथ सोहना से लौट रहा था, तभी ये घटना घटी, उनका आरोप है कि आरोपियों ने साथ मिलकर उनके बेटे पर हमला बोल दिया और उसकी गाड़ी को चारों तरफ से हिट किया.
आरोप है कि हमलावरों ने तीनों पर हमला किया, जिसमें आसिफ की मौत हो गई और राशिद की हालत गंभीर है, वहीं वासिफ की हालत पहले से बेहतर है. हमले में सही सलामत बचे वासिफ ने बताया कि हमले के बाद उनकी कार पलट गई थी. उन लोगों ने आसिफ को कार से बाहर निकाला और उसकी हत्या कर दी.
आसिफ के पिता ने बताया कि उनके बेटे का हाथ और पैर आरोपियों ने तोड़ दिया था. जब उनको आसिफ की बॉडी मिली तो उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे. घटना के दूसरे दिन 17 मई को गांव में भारी पुलिस बल तैनात हुई, आसिफ के घरवालों ने कहा कि जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वो उसको नहीं दफनाएंगे. कुछ घंटों के तनाव के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, तब जाकर उसको दफनाया गया.
पुरानी रंजिश का शक
गांववालों का कहना है कि लड़कों के बीच तीन महीने पहले भी लड़ाई हुई थी. आसिफ के एक पड़ोसी मोहम्मद इलियास ने बताया कि तीन महीने पहले ही इन लोगों के बीच लड़ाई हुई थी, बाद में पुलिस ने आकर दोनों के बीच समझौता कराया था.
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