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हरियाणा में चुनाव वास्तविक बनाम लोक-लुभावन वादों के बीच  

राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होंगे और परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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भारत
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हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव वास्तविक बनाम लोकलुभावन वादों के बीच है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. मोदी लहर के साथ बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि वह इस बार अपने विधायकों की संख्या 47 से आगे ले जाएंगे और 75 सीटों से अधिक हासिल करेंगे, जबकि कांग्रेस में दो बार के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और विकास की कमी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस को सत्ता पर काबिज करना चाह रहे हैं.

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अन्य विपक्षी दल भी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, स्वराज इंडिया और आम आदमी पार्टी (आप) शामिल हैं. चुनावी वादों की बात करें तो बीजेपी ने महिलाओं के लिए नौकरी में आरक्षण और कृषि ऋण माफ करने जैसा कोई वादा नहीं किया है, इसके 25 पृष्ठों वाले संकल्प पत्र का शीर्षक ‘म्हारे सपने का हरियाणा’ प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के लोकलुभावन घोषणा पत्र की तुलना में अधिक यथार्थवादी और व्यावहारिक है.

बीजेपी के वादे

किसानों, मजदूरों, युवाओं और उद्योगपतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीजेपी के घोषणा पत्र में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त फसली ऋण देने का वादा किया गया है. बीजेपी ने अनुसूचित जाति के लोगों को तीन लाख रुपये तक का ऋण देने का भी वादा किया है और उन परिवारों की दो लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने की बात कही गई है. यह सुविधा उन परिवारों को मिलेगी, जिनकी कुल वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम है.

कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या है?

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में युवाओं, किसानों और महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है, इसने सभी बेरोजगार स्नातकोत्तरों को 10 हजार रुपये, जबकि बेरोजगार स्नातकों को सात हजार रुपये प्रति माह का भत्ता देने का वादा किया है. इसके अलावा कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी और पंचायती राज संस्थाओं में, नगर निगमों और नगर परिषदों में 50 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है.


कांग्रेस ने सत्ता में आने के 24 घंटों के अंदर किसानों का ऋण माफ करने की बात भी कही है. इसका लाभ भूमिहीन किसानों को भी प्रदान किया जाएगा. खट्टर ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में महिलाओं के आरक्षण और किसानों की कर्जमाफी को जमीनी हकीकत से दूर मानते हुए कहा है कि यह वादा पूरा करने के लिए एक लाख 26 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है.
उन्होंने मीडिया से कहा, "यह बिना बजट के प्रावधानों के साथ पूरी तरह से अवास्तविक है. हमारे घोषणा पत्र में 32 हजार करोड़ रुपये के बजट आवंटन की जरूरत है, जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है.

बेरोजगारी भी चुनाव में अहम मुद्दा

खट्टर का मानना है कि घोषणापत्र राम राज्य बनाने के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शिता के साथ ईमानदारी की बात कही गई है. हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बेरोजगारी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बढ़ते कर्ज और फसल की कम कीमतें खट्टर के लगातार दूसरे कार्यकाल के बीच बड़ी बाधाएं हैं. राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होंगे और परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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