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हाथरस केस:विवादों के केंद्र में डीएम प्रवीण कुमार,ये है बैकग्राउंड

जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर गंभीर आरोप हैं और विपक्ष पुरजोर कोशिश कर रहा है कि उनपर राज्य सरकार कार्रवाई करे.

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'हम चाहते हैं कि डीएम पर ऐसी कार्रवाई हो, जिसके बाद वो दूसरों के साथ ऐसा न कर सकें'. हाथरस पीड़िता के भाई ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में ये बात कही थी. 3 अक्टूबर को जब राहुल-प्रियंका हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे, बाहर आते ही राहुल ने कहा था कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जांच के साथ सुरक्षा और डीएम पर कार्रवाई चाहता है. विपक्षी पार्टियां लगातार हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं.

राजस्थान के जयपुर के रहने वाले डीएम प्रवीण कुमार को लेकर ऐसी नाराजगी है कि 2 अक्टूबर को उनके गृह जिले यानी जयपुर में उनके घर के आगे कुछ लोग ने कूड़ा फेंककर नाराजगी जाहिर की. हालांकि, इस घर में सिर्फ किराएदार रहते हैं.
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नाराजगी और एक 'वायरल वीडियो' के बावजूद भी योगी सरकार ने प्रवीण कुमार पर कार्रवाई नहीं की है. हालांकि, हाथरस केस में एसपी विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी श्री राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीर सिंह, हेड मोर्हिरर निलंबित किए जा चुके हैं. ऐसे में जरा डीएम प्रवीण कुमार का बैकग्राउंड जान लेते हैं.

  • इतिहास और हिंदी से पोस्ट ग्रेजुएट 38 साल के प्रवीण कुमार, 2012 बैच के IAS ऑफिस हैं.
  • पहली पोस्टिंग रायबरेली में हुई थीं, जहां वो साल अप्रैल 2013 से अगस्त 2014 तक रहे.
  • इसके बाद अलीगढ़ जिले के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, ललितपुर जिले के मुख्य विकास अधिकारी और लखनऊ में पंचायती राज विभाग संभाला.
  • मार्च, 2019 में हाथरस के डीएम बनें.

डीएम प्रवीण कुमार पर कैसे-कैसे आरोप हैं?

परिवारवालों का आरोप है कि डीएम प्रवीण कुमार ने उनको धमकी दी है. साथ ही हाथरस के डीएम का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो पीड़िता के पिता पर दबाव बनाते हुए नजर आ रहे हैं. वायरल वीडियो में डीएम कह रहे हैं कि आप सरकार के साथ अपनी विश्वसनीयता खत्म मत कीजिए. ये मीडिया वाले कल चले जाएंगे.

“आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिए, ये मीडिया वाले मैं आपको बता दूं कि आज आधे चले गए, आधे कल सुबह निकल जाएंगे. दो चार बचेंगे कल शाम तक, तो हम ही आपके साथ खड़े हैं, ठीक... अब आपकी इच्छा है आपको बार-बार बयान बदलना है, नहीं बदलना है. कभी हम भी बदल जाएंगे.”

हालांकि, प्रवीण कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है.

प्रवीण कुमार पर परिवारवालों ने एक और असंवेदनशील टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. परिवार का कहना था कि डीएम प्रवीण कुमार पीड़िता के पिता से ऐसा कह रहे थे कि अगर बेटी कोरोना से मर जाती तो क्या मुआवजा मिल पाता?

कुल मिलाकर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर गंभीर आरोप हैं और विपक्ष पुरजोर कोशिश कर रहा है कि उनपर राज्य सरकार कार्रवाई करे.

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