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बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं, लेकिन तैयारी जरूरी- केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने कहा- देश में कोरोना के नए मामलों में आई कमी, पॉजिटिविटी रेट भी गिरा

Published
भारत
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देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना महामारी का प्रकोप अब कम होता दिख रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है और कहा कि कई राज्यों में लॉकडाउन की सख्ती के चलते लगातार कोरोना के नए मामलों में गिरावट देखने को मिली है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन और बच्चों में कोविड संक्रमण से जुड़े मामलों पर भी प्रतिक्रिया दी.

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एक्टिव केस कम हुए, पॉजिटिविटी रेट गिरा

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना महामारी का पॉजिटिविटी रेट और एक्टिव मामलों की संख्या गिर रही है. इसकी वजह से अब हालात स्थिर होते जा रहे हैं, साथ ही रिकवरी रेट भी सुधरा है. हालांकि फिर लोगों को कोविड-19 नियमों का पालन करना चाहिए.

बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामलों पर डॉ वीके पॉल ने कहा कि बच्चों को कोविड-19 हुआ है लेकिन इसके लक्षण गंभीर नहीं हैं. सिर्फ 3 से 4 फीसदी बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है, साथ ही मृत्यु दर काफी कम होती है लेकिन आगे के लिए तैयारी होनी चाहिए.
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एक सवाल के जवाब में डॉ पॉल ने कहा कि क्या कोई व्यक्ति पहले डोज में मिली वैक्सीन के बाद दूसरे डोज में अन्य वैक्सीन लगवा सकता है. वैज्ञानिक और सैद्धांतिक आधार पर यह संभव है लेकिन इन परिस्थितियों में इसका सुझाव देना मुश्किल है. क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी के अनुसार, देश में सिर्फ 7 राज्य ऐसे हैं जहां 10 हजार से अधिक कोरोना केस आ रहे हैं और 6 राज्यों में यह संख्या 5 से 10 हजार है. वहीं 6 राज्यों में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. इनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, पंजाब और दिल्ली शामिल हैं. देश के 93 जिलों में कोरोना केस लगातार कम होने से पॉजिटिविटी रेट गिरा है.

ब्लैक फंगस की दवा का उत्पादन बढ़ा

ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटी फंगस इंजेक्शन Amphotericin B की उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, पहले इस इंजेक्शन की सप्लाई सीमित थी लेकिन अब इसे बढ़ाया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ फॉर्मा के साथ मिलकर हेल्थ मिनिस्ट्री ने 5 अतिरिक्त दवा निर्माताओं को इस इंजेक्शन का उत्पादन करने के लिए लाइसेंस दिया है.

वहीं इस एंटी फंगल इंजेक्शन के मौजूदा दवा निर्माता कंपनियों ने भी प्रोडक्शन को बढ़ा दिया है.

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