राजस्थान के स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की याचिका पर आदेश पारित कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि विरोध की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, नहीं तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा. साथ ही कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि क्या कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र मौजूद है. अदालत ने यह टिप्पणी राजस्थान विधानसभा स्पीकर सी.पी. जोशी की याचिका की सुनवाई के दौरान किया. राजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिन पायलट व 18 बागी कांग्रेस विधायकों को दल-बदल नोटिस पर जवाब देने के लिए समय अवधि बढ़ा दी है, जिसके विरोध में जोशी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.
बता दें कि सीपी जोशी की दलील थी कि अभी उन्होंने विधायकों को सिर्फ नोटिस दिया है, कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में अदालत की ओर से स्पीकर के कामकाज में दखल नहीं दिया जा सकता है, ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ है.
राजस्थान हाईकोर्ट से सचिन पायलट और उनके साथ 18 विधायकों को 24 जुलाई तक की राहत मिली है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी को 24 जुलाई तक इन विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने का निर्देश दिया है. इसी दिन कोर्ट का फैसला आएगा.
बता दें कि सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद से कांग्रेस सरकार एक बड़े संकट का सामना कर रही है. पायलट ने घोषणा की थी कि गहलोत सरकार अल्पमत में है, क्योंकि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है.
ये भी पढ़ें- पायलट और साथी विधायकों को 24 जुलाई तक राजस्थान कोर्ट से मिली राहत
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)