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अगस्ता स्कैम की पूरी कहानी- फैसले में क्यों सोनिया का नाम?

इटली की कोर्ट के फैसले में सोनिया गांधी का नाम 4 बार शामिल.

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बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज बुधवार को राज्यसभा में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को घेरकर कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. कांग्रेस ने आज शाम 6 बजे कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी स्तर की मीटिंग बुलाई है.

DailyPioneer में छपी खबर के मुताबिक इटली की मिलान कोर्ट का ये फैसला कांग्रेस पार्टी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. जानिए कैसे?

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आखिर क्या है ये घोटाला?

वो साल 2010 था. भारत सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 AW101 हेलीकॉप्टर खरीदने का करार किया. 3,600 करोड़ रुपये की थी ये डील. इटली की कोर्ट ने अपने फैसले में भारतीय नेताओं पर 120 से 125 करोड़ रुपए लेने की बात कही. कोर्ट के फैसले में सोनिया गांधी को इस डील के पीछे ड्राइविंग फोर्स बताया गया है. फैसले में 4 बार सोनिया गांधी का नाम लिया गया है.

फैसले के मुताबिक भारतीय नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और एयरफोर्स अधिकारियों को कुल 250 करोड़ की रिश्वत दी गई.

MI-8 में नहीं उड़ेंगी सोनिया

फैसले में बिचौलिए क्रिस्टीन मिशेल ने अगस्ता वेस्टलेंड के इंडियन सेल्स हेड पीटर हलेट को लिखे हुए नोट शामिल हैं. इन पत्रों में मिशेल ने हलेट को लिखा है कि डील के पीछे सोनिया गांधी का हाथ है. और, अब सोनिया MI - 8 हेलिकॉप्टरों में नहीं उड़ सकतीं.


बिचौलिए मिशेल ने अपने नोट में पीटर हलेट को ये भी लिखा है वे इस डील के लिए ब्रिटिश एंबेसडर को सोनिया गांधी और उनके करीबियों से संपर्क करने को कहें.

इस पत्र को गिरफ्तार किए गए ग्युडो हेश्क के घर से बरामद किया गया. हेश्क ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें दिखाए जाने पर सभी नेताओं को पहचान लिया.

फैसले के पेज नंबर 9 में लिखा गया है कि मिशेल ने हेश्क को लिखे पत्र में 30 यूरो के कमिशन को बांटने पर भी सुझाव दिए थे. एयरफोर्स अधिकारियों को 6 मिलियन यूरो दिए जाने थे. और, रक्षा मंत्रालय और अन्य ब्यूरोक्रेट्स को 8.4 मिलियन यूरो दिए जाने थे.

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मनमोहन सिंह को करो फोन!

फैसले में दर्ज पत्र में बिचौलिए ने अपने करीबी शख्स को इटली के पीएम या एंबेसडर को उसके नाम पर फोन करने को कहा. और, पीएम मनमोहन सिंह को फोन करके इटली की जांच एजेंसियों की मदद न करने को कहा जाए.

मिलान कोर्ट ने भी मनमोहन सरकार को जांच में मदद न देने के लिए आरोपी ठहराया है.

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