दिल्ली के बहुचर्चित 16 दिसंबर निर्भया रेप केस के नाबालिग अपराधी की ओर से गृह मंत्रालय को लिखे गए पत्र से उसके बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां निकल कर सामने आई हैं.
गृह मंत्रालय को लिखी गई चिट्ठी में इस नाबालिग अपराधी ने (जो अब नाबालिग नहीं है) साफ कहा है कि वह सुधार गृह से निकलने के बाद किसी ‘आफ्टर केयर’ में नहीं रहना चाहता. उसकी रिहाई इसी महीने होनी है.
चिट्ठी के जरिये द क्विंट को जानकारी मिली है कि 9 साल की उम्र के बाद से ही कई सालों तक कई लोगों ने निर्भया केस के इस नाबालिग अपराधी का यौन शोषण किया.
प्रार्थी का बचपन से ही बहुत अप्राकृतिक शोषण किया गया था, इसके बदले उसके परिवार के जीवन यापन के लिए पैसा मिलता था.गृह मंत्रालय को लिखी गई नाबालिग अपराधी की चिट्ठी
इस जानकारी से उसके पिछले जीवन के बारे में काफी कुछ पता चलता है, पर इस समय जिसके बारे में सोच कर वह डर रहा है वह उसका आने वाला जीवन है.
हमने 26 नवंबर को यह चिट्ठी लिखी क्योंकि वह अपनी जिंदगी को लेकर बहुत डरा हुआ है. उसने बाल सुधार गृह की अपनी सजा पूरी कर ली है, और अब वह एक आजाद नागरिक है. कानूनन, सरकार उसे किसी एनजीओ में नहीं भेज सकती. वह वहां जाना नहीं चाहता, और ऐसा करने का मतलब होगा उसे कैद में रखना.नाबालिग अपराधी का वकील
चिट्ठी में वह आगे कहता है कि उसका परिवार बहुत गरीब है. पांच भाई-बहनों, मानसिक रूप से अक्षम पिता व उसकी मां की देखभाल की जिम्मेदारी उस पर ही है. वह जानता है कि नौकरी पाना उसके लिए आसान नहीं होगा, इसलिए वह अपनी पहचान तक बदलने के लिए तैयार है. यहां तक कि उसने सरकार से ही उसे नौकरी देने की गुजारिश की है.
इस बी़च निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से उसकी पहचान जाहिर करने की गुजारिश की है, क्योंकि उनका मानना है कि वह उनके और समाज को नुकसान पहुंचा सकता है.
द क्विंट को मिली इस चिट्ठी में अपराधी ने साफ कहा है कि उसकी पहचान किसी भी स्थिति में जाहिर नहीं की जानी चाहिए.
कानूनन उसकी पहचान जाहिर नहीं की जा सकती, पर उसे डर है कि गृह मंत्रालय का कोई अंदरूनी व्यक्ति सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर जारी कर सकता है.नाबालिग अपराधी का वकील
वकील ने ये भी कहा कि उसकी रिहाई की तारीक पास आ रही है और वे सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. आगामी 16 दिसंबर को वह सुधार गृह में अपने तीन साल पूरे कर रहा है.
द क्विंट ने इस बारे में गृह मंत्रालय से संपर्क करने की कोशिश की पर उन्होंने इस बारे में अभी कुछ कहने से इन्कार कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)