पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में शुक्रवार को भी तनाव बना रहा. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के समर्थकों ने शुक्रवार तड़के दार्जिलिंग के लोधामा में बिजली ऑफिस और रिमबिक-लोधामा में एक स्वास्थ्य केंद्र को आग लगा दी.
ये तनाव जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के घर पर पुलिस की छापेमारी के बाद हुआ था. जीजेएम प्रमुख के घर कार्रवाई के बाद कार्यकर्ताओं ने गुरुवार देर रात प्रदर्शन के दौरान बड़े स्तर पर आगजनी की. प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन, एक पुलिस चौकी, एक राज्य परिवहन की बस और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.
टूरिस्ट और होटल कर्मियों की पहाड़ से वापसी के कारण शुक्रवार को बस स्टेशनों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं थी. स्थानीय प्रशासन ने बस सेवाओं की व्यवस्था की ताकि फंसे पर्यटक सिलीगुड़ी पहुंच सकें.
एक रेलवे अधिकारी के अनुसार, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) की ट्वॉय ट्रेन की सेवाएं हड़ताल के मद्देनजर यात्रियों, कर्मचारियों और डीएचआर की संपत्तियों के सुरक्षा के लिए निलंबित कर दी गईं हैं.
जीजेएम ने सोमवार से पहाड़ी एरिया दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की हुई है. ये हड़ताल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य किए जाने के विरोध में है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि नया नियम पहाड़ी जिलों में लागू नहीं किया जाएगा. इसके बाद भी हड़ताल का आह्वान किया गया है. जीजेएम ने अलग गोरखालैंड राज्य का मुद्दा उठाया है.
कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ी क्षेत्र में ताजा अशांति के लिए खुफिया तंत्र की असफलता को जिम्मेदार ठहराया है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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