तस्वीरों में डार्टर और ट्री-पाई पक्षी हैं, बाघ, भालू, लकड़बग्घे और चीते हैं. रणथंभौर नेशनल पार्क के पुराने बरगद के पेड़ को भी तस्वीर में उतारा गया है. इस पेड़ की जड़ें कलात्मक रूप से छतों और दीवारों पर फैली नजर आती हैं. गिलहरी, मोर, कठफोड़वा और बुलबुल जैसे जानवरों को पेड़ों की डालियों पर इस तरह बनाया गया है कि लगता है वे अचानक बोल उठेंगे.
इस प्रॉजेक्ट के तहत भरतपुर रेलवे स्टेशन और कोटा-निज़ामुद्दीन जनशताब्दी पर भी कलाकृतियां बनाई जानी हैं. अगले चरण में होने वाले इस कार्य को भी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड से मदद मिलेगी.
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