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Income Tax Assessment Case: गांधी परिवार और AAP की याचिका पर 28 नवंबर को अगली सुनवाई

Income Tax Assessment Case: कोर्ट ने AAP की ओर से पेश वकील से पूछा रिट याचिकाएं दाखिल करने में पांच महीने की देरी क्यों हुई?

Published
भारत
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Income Tax Assessment Case: गांधी परिवार और AAP की याचिका पर 28 नवंबर को अगली सुनवाई
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme court ) इनकम टैक्स असेसमेंट केस (Income Tax Assessment Case) में गांधी परिवार और AAP की याचिका पर अगली सुनवाई 28 नवंबर को करेगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, AAP और कई चैरिटेबल ट्रस्टों ने आयकर असेसमेंट को इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति एस.एन.वी. भट्टी की पीठ ने सुनवाई 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.

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गांधी परिवार का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

3 अक्टूबर को ट्रांसफर के खिलाफ कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दायर याचिकाओं का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि व्यक्तियों के बीच क्रॉस-लेनदेन होता है तो केंद्रीय मूल्यांकन की आवश्यकता हो सकती है.

गांधी परिवार और उनसे जुड़े ट्रस्टों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी की मामले में तलाशी के कारण आईटी अधिकारियों ने प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा सहित इन सभी को पूरक मामलों के रूप में टैग किया है.

गांधी परिवार ने कहा है कि भंडारी समूह के मामलों से उनका कोई लेना-देना नहीं है और उनके मामलों में तलाशी या जब्ती की कोई घटना नहीं हुई है.

भंडारी भारत में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में वांछित है. वह कथित तौर पर लंदन स्थित एक फ्लैट को लेकर रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े हुए हैं. हालांकि, रॉबर्ट वाड्रा ने भंडारी के साथ किसी भी व्यापारिक सौदे से इनकार किया है.

रिट याचिकाएं दाखिल करने में देरी क्यों हुई?

न्यायमूर्ति खन्ना ने AAP की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से भी सवाल किया कि रिट याचिकाएं दाखिल करने में पांच महीने की देरी क्यों हुई?

अदालत ने यह भी कहा कि फेसलेस मूल्यांकन को हटाने के लिए कुछ औचित्य होना चाहिए और पीठ केवल कानूनी मुद्दे से चिंतित थी, न कि राजनीति से.

इससे पहले 26 मई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने AAP, गांधी परिवार और पांच ट्रस्टों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें आयकर विभाग के उनके कर मूल्यांकन को फेसलेस मूल्यांकन से केंद्रीय सर्कल में स्थानांतरित करने के आदेशों को चुनौती दी गई थी.

उच्च न्यायालय की पीठ ने फैसला सुनाया कि फेसलेस मूल्यांकन योजना के तहत मूल्यांकन का कोई मौलिक कानूनी अधिकार नहीं है. 

(इनपुट- आईएएनएस)

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