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G7 देशों ने गेहूं निर्यात पर बैन लगाने के भारत के फैसले की आलोचना की: जर्मनी

India Bans Wheat Export: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के कई देश गेहूं की पूर्ति के लिए भारत से आस लगाए हुए थे.

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देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक (India Bans Wheat Export) लगा दिया है. लेकिन अब इस फैसले पर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा. सात विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह-G7 के कृषि मंत्रियों ने भारत के इस फैसले की निंदा की है.

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जर्मनी के कृषि मंत्री Cem Ozdemir ने स्टटगार्ट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "अगर हर कोई निर्यात पर प्रतिबंध लगाए या अपने बाजार को बंद करना शुरू कर दे तो इससे संकट और गंभीर हो जाएगा"

G7 देशों के मंत्रियों ने दुनिया भर के देशों से किसी भी तरह के निर्यात पर प्रतिबंध न लगाने का आग्रह किया है जिससे उपज बाजारों पर और दबाव बढ़ सकता है.

स्टटगार्ट में G7 औद्योगिक देशों के कृषि मंत्रियों की आज एक बैठक थी जिसकी अध्यक्षता जर्मनी के पास थी. जर्मनी के कृषि मंत्री Cem Ozdemir ने बताया कि यहां G7 देशों ने "निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ बात की और बाजारों को खुला रखने का आह्वान किया".

"हम भारत से G20 देशों के सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान करते हैं"
जर्मनी के कृषि मंत्री Cem Ozdemir

G7 देशों के कृषि मंत्री इस मुद्दे को जून में जर्मनी में होने जा रहे G7 शिखर सम्मेलन में रखने की "सिफारिश" करेंगे, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिस्सा लेने के लिए न्योता भेजा गया है.

भारत का निर्यात, यूक्रेन पर रूस का हमला-मुश्किल में पश्चिमी देश

भारत ने यूक्रेन में युद्ध के कारण पहले से ही आपूर्ति की कमी से प्रभावित देशों को झटका देते हुए पूर्व स्वीकृति के बिना गेहूं के निर्यात पर शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया.

दुनिया का दूसरा सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने कहा कि कम गेहूं उत्पादन और युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती कीमतों जैसे कारकों के कारण वह अब अपनी "खाद्य सुरक्षा" के बारे में चिंतित है.

रूसी आक्रमण से पहले यूक्रेन अपने बंदरगाहों से हर महीने 4.5 मिलियन टन कृषि उपज का निर्यात करता था- पूरी दुनिया के गेहूं का 12%, मक्के का 15% और सूरजमुखी के तेल का 50% तक.

लेकिन ओडेसा, कोर्नोमोर्स्क और अन्य के बंदरगाहों पर तैनात रूसी युद्धपोतों ने अब यूक्रेन के कृषि उपज से दुनिया को काट दिया है.

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