पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए, भारत और चीन ने मंगलवार को सीमा पर और सैनिकों को न भेजने पर सहमति जताई. इसके अलावा दोनों देश एकतरफा तरीके से जमीन पर स्थिति को बदलने से परहेज करने और कोई भी ऐसी कार्रवाई न करने को लेकर सहमत हुए हैं, जिससे मामला और उलझे.
इन फैसलों का ऐलान भारतीय और चीनी सेना ने एक संयुक्त बयान में किया है, जो 14 घंटे तक चली कोर कमांडर-स्तरीय बातचीत के छठे दौर के एक दिन बाद आया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों सेनाएं जमीन पर कम्युनिकेशन को मजबूत करने, गलतफहमी से बचने और दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए सहमत हुई हैं.
इसके अलावा बयान में, यह जिक्र किया गया है कि दोनों पक्ष जमीन पर समस्याओं को ठीक से हल करने के लिए व्यावहारिक उपाय करने को लेकर सहमत हुए हैं. दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द सैन्य कमांडर स्तरीय बातचीत के 7वें दौर को आयोजित करने का भी संकल्प लिया है.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच कई महीनों से गतिरोध जारी है. 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया. इस झड़प में भारत के 20 सैन्य कर्मी शहीद हो गए. झड़प में चीन की तरफ से भी सैनिकों के हताहत होने की खबरें आई थीं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)