10 मई को जारी स्वास्थ्य आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देशभर में 3,66,161 नए कोरोना केस सामने आए और 3,754 लोगों की मौत हुई.
नए केस- 3,66,161
नई मौतें- 3,754
रिकवरी- 3,53,818
कुल केस: 2,26,62,575
कुल रिकवरी: 1,86,71,222
कुल मौतें: 2,46,116
एक्टिव केस: 37,45,237
बीते 4 दिन लगातार कोरोना केस 4 लाख पार
आज कोरोना के नए केस कम आए हैं. जबकि बीते लगातार 4 दिन कोरोना वायरस के नए केस 4 लाख के पार आए थे. सबसे पहले 30 अप्रैल को देश में 4,01,993 नए केस आए थे. राज्यों के लिहाज से देखें तो महाराष्ट्र राज्य कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित है. राज्य में कोरोना महामारी के चलते मृतकों की संख्या कम नहीं हो रही है.
9 मई: 4,03,738
8 मई: 4,01,078
7 मई: 4,14,188
6 मई: 4,12,262
5 मई: 3,82,315
5 मई: 3,82,315
क्या हम दूसरी लहर के पीक के नजदीक है?
कोविड-19 इंडियन नेशनल सुपरमॉडल कमेटी की अध्यक्षता कर रहे IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर के अनुसार संक्रमण ग्राफ का पीक 7 मई तक या अधिक से अधिक 15 दिनों (6 मई से शुरू होकर)में जाना चाहिए.
हालांकि 7 मई गुजरने के बाद भी संक्रमण की रफ्तार में लगातार तेजी जारी है. इस कमेटी का पहले भी करोना कि दूसरी लहर की पीक को लेकर लगाया अनुमान गलत साबित हो चुका है, जब उसने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक 1.2 लाख केसों तक जाएगा जबकि वर्तमान में हर दिन चार लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
इससे पहले प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ. टी जैकब जॉन ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक नजदीक है .अगर यह जल्दी होता है तो जून के अंत तक यह लहर कमजोर पड़ जाएगी.
दूसरी लहर की पीक को लेकर दूसरे दावे भी हैं
इससे पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ,बेंगलुरु के टीम ने एक 'मैथमेटिकल मॉडल' का प्रयोग करते हुए यह अनुमान लगाया है कि अगर हालात यही रहे तो 11 जून तक मरने वालों की संख्या 404,000 तक हो सकती है.इसी तरह के एक मैथमेटिकल मॉडल का प्रयोग करते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन(IHME) ने दावा किया है कि जुलाई के अंत तक भारत 1,018,879 लोग कोरोना से जान गवा देंगे.
R-value में गिरावट क्या अच्छा संकेत?
बढ़ते कोरोना संकट के बीच भारत में कोरोनावायरस की इफैक्टिव रिप्रोडक्शन वैल्यू (R-value), वह इंडिकेटर जो बताता है कि संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है, में मार्च के पहली सप्ताह जितना निचला स्तर देखा गया
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