भारत में कोविड स्थिति हर गुजरते दिन के साथ खराब होती जा रही है. 29 अप्रैल को देश में रिकॉर्ड 3,79,257 नए कोरोना मामले सामने आए और 3645 मौतें दर्ज हुईं. कई देश भारत को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. लेकिन भारत ने UN की मदद लेने से इनकार कर दिया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अपनी इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन की मदद की पेशकश थी, जिसे भारत ने ये कहते हुए ठुकरा दिया कि उसके पास लॉजिस्टिक्स से निपटने की एक 'मजबूत व्यवस्था' है.
“हमने अपनी इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन की मदद की पेशकश की थी. हमें बताया गया कि इस समय इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि भारत के पास इससे निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था है. लेकिन हमारी पेशकश रहेगी और हम जिस तरह हो सकेगा, मदद करने के लिए तैयार हैं.”फरहान हक, UN प्रमुख के डिप्टी प्रवक्ता
क्या UN कुछ जरूरी सप्लाई भेज रहा है?
अमेरिका, रूस, जर्मनी जैसे कई देश भारत को ऑक्सीजन सिलिंडर समेत मेडिकल उपकरणों की जरूरी मदद दे रहे हैं. क्या संयुक्त राष्ट्र की किसी एजेंसी से भी भारत को ऐसी मदद मुहैया कराई जा रही है? इस सवाल पर हक ने कहा,
“ऐसा कुछ मांगा नहीं गया है लेकिन हमारे जो लोग ऑपरेशनल और लॉजिस्टिकल मुद्दों को देखते हैं, वो भारत में लोगों के साथ संपर्क में हैं और देखा जाएगा कि क्या जरूरत है.”
फरहान हक ने बताया कि UN प्रमुख की करीबी सहयोगी मारिया रिबेरियो संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के साथ संपर्क में हैं.
पाक और चीन की पेशकश का कोई जवाब नहीं
भारत को पश्चिमी देशों के अलावा उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन ने भी मदद की पेशकश की थी. इस ऑफर को चार-पांच दिन गुजर चुके हैं, लेकिन भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और पाकिस्तान के विदेश मंत्री कह चुके हैं कि भारत को जरूरत के मुताबिक मदद दे सकते हैं. पर दिल्ली के सत्ता गलियारों में इस पेशकश को लेकर चुप्पी है.
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