भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक (करप्शन परसेप्शन इंडेक्स) में भारत दुनिया के 180 देशों में 80वें स्थान पर पहुंच गया है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान साल 2019 के लिए इस सूचकांक को जारी किया है. साल 2018 के लिए जारी इस सूचकांक में भारत 78वें पायदान पर था. ऐसे में ताजा सूचकांक में भारत 2 स्थान लुढ़का है.
विशेषज्ञों और कारोबारी लोगों के मुताबिक, यह सूचकांक 180 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को दिखाता है.
सूचकांक में डेनमार्क और न्यूजीलैंड शीर्ष स्थान पर रहे हैं. फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में टॉप 10 में शामिल रहे हैं.
सूचकांक में 41 अंक के साथ भारत को 80वां स्थान मिला है. चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को भी इसी रैंक में हैं. वहीं भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है. इससे पिछले इंडेक्स में भी भारत को 41 अंक ही मिले थे, हालांकि ताजा इंडेक्स में उसकी रैंकिंग गिरी है.
गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और ऑस्ट्रलिया जैसे लोकतंत्रों में अपारदर्शी पॉलिटिकल फाइनेंसिग और ताकतवर कॉरपोरेट इंटरेस्ट ग्रुप्स की लॉबी जैसे कारण भ्रष्टाचार को काबू करने में गिरावट के नतीजे हैं. पिछले 8 सालों में इस सूचकांक में सिर्फ 22 देशों ने प्रभावी सुधार दिखाया है.
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