CPEC (चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) को लेकर चीन और पाकिस्तान के एक साझा बयान पर भारत ने आपत्ति जताई है. इस साझा बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को भारत ने पूरी तरह से खारिज किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो उम्मीद करता है कि दूसरे देश भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.”
विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि भारत “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में यथा स्थिति में बदलाव लाने वाले दूसरे देशों की कार्रवाई का कड़ा विरोध करता है और संबंधित पार्टियों को ये कार्य तुरंत रोकने की अपील करता है.”
चीन-पाकिस्तान ने बयान में क्या कहा?
21 अगस्त को अपनी दूसरी सलाना रणनीतिक वार्ता में, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तानी विदेशी मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर और CPEC समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की. वार्ता के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, “चीनी पक्ष ने दोहराया कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से विवाद बना हुआ है और ये विवाद संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से शांतिपूर्वक और उचित तरीके से हल किया जाना चाहिए. चीन किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है जो स्थिति को जटिल कर सकती हैं.”
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ने वाला CPEC, चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का अहम प्रोजेक्ट है. ये कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हो कर गुजरता है. भारत लगातार इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है.
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