भारत ने गुरुवार को परमाणु क्षमता से लैश स्वदेशी मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया. यह एक इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) है, जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर है. ओडिशा के तट से इसका सफल परीक्षण किया गया. अपनी रेंज की वजह से यह मिसाइल चीन के कई सुदूर उत्तरी हिस्सों तक पहुंच कर हमला कर सकती है.
खबरों के मुताबिक गुरुवार सुबह 9.53 बजे ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर सुबह इसे लॉन्च किया गया जो पूरी तरह सफल रहा. सतह से सतह पर वार करने वाली अग्नि-5 मिसाइल न्यूक्लीयर हथियारों को ले जाने में सक्षम है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने परीक्षण की पुष्टि की है. बेहद घातक मानी जाने वाली इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है और इसकी जद में पाकिस्तान के अलावा चीन के कई शहर आते हैं.
ये हैं अग्नि-5 की खूबियां
अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास दो मीटर है. इस मिसाइल का वजन 50 टन है. इसके अलावा यह मिसाइल अपने साथ डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. इस मिसाइल की स्पीड ध्वनि की गति से करीब 24 गुना तक ज्यादा है. यह मिसाइल 20 मिनट में 5000 किलोमीटर की दूरी तय कर लेगी. अग्नि-5 मिसाइल को सड़क के रास्ते कहीं भी पहुंचाया जा सकता है, और पोर्टेबल कैनिस्टर लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है. इस खूबी की वजह से इसे दुश्मन के सैटेलाइट सर्विलांस से भी बचाया जा सकता है.
भारत के पास अभी तक सबसे ज्यादा दूरी तक मार करने वाली मिसाइल अग्नि-4 थी. अब अग्नि-5 के सफल परीक्षण हो जाने से देश के पास सबसे ज्यादा दूरी तक मार करने वाली मिसाइल अग्नि-5 बन चुकी है. अग्नि सीरीज की घातक मिसाइलों में शामिल अग्नि-5 मिसाइल को भी डीआरडीओ ने विकसित किया है. पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारतीय मिसाइलों के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं. इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जबकि अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
बढ़ गई है भारत की सैन्य ताकत
अग्नि-5 मिसाइल की वजह से भारत, अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस और चीन के साथ उस शक्तिशाली क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास 5000 से 5500 किमी की दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल्स हैं. इसकी मारक क्षमता बेहद अचूक है. यह भारत के मिसाइल तरकश में सबसे लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी जद में पूरे एशिया समेत अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्से होंगे. इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत दुश्मन के सैटेलाइट को नष्ट करने में भी कर सकता है.
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