भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के दौरान 7 सितंबर की घटना को लेकर भारतीय सेना ने चीन के दावों को खारिज किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सेना ने कहा है, ‘’भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि चीन की तरफ से भड़काऊ गतिविधियां लगातार जारी हैं. किसी भी स्तर पर भारतीय सेना ने एलएसी को पार नहीं किया है.’’
इसके अलावा सेना ने कहा है, ''7 सितंबर की घटना में, पीएलए के सैनिकों ने एलएसी पर हमारी एक फॉरवर्ड पॉजिशन को घेरने की कोशिश की थी, जब हमारे सैनिकों ने उन्हें रोका तो पीएलए के सैनिकों ने हमारे सैनिकों को धमकाने की कोशिश में हवा में कुछ राउंड की फायरिंग की.''
चीन की तरफ से क्या दावा किया गया था?
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए की वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने 7 सितंबर को पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे के पास (एलएसी) को पार किया था.
प्रवक्ता के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने यह भी दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने वॉर्निंग शॉट्स फायर किए, जिसके बाद स्थिति को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को जवाबी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पूर्वी लद्दाख के हालात गंभीर: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया और कहा कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श’ की जरूरत है.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर कई महीनों से गतिरोध जारी है. इस बीच शुक्रवार को रूस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे के बीच सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक हुई थी.
इस बैठक में सिंह ने चीनी समकक्ष से कहा था कि चीन को सख्ती से एलएसी का सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए.
पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्षों की शीर्ष स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी.
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